Friday 28 February 2020

अमीर बनने के लिए इस नियम को समझे


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अमीर बनने के लिए इस नियम को समझे 


दोस्तों इस पोस्ट में हम सीखेंगे कि अमीर लोग क्यों लगातार अमीर होते जा रहे हैं. गरीब और मध्य वर्ग के लोग क्यों अपने जीवन स्तर से ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं.  डॉ. रॉबर्ट कियोसाकी अपनी BOOK RICH DAD POOR DAD मे बताते हैं. गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों को पैसे की सही समझ ना हो पाने के कारण वह गरीबी रेखा से ऊपर नहीं उठ पाते हैं। ज्यादातर लोग जिंदगी भर यह नहीं समझ पाते कि असल बात यह नहीं कि आप कितना पैसा कमाते हैं बल्कि यह है कि आप कितना पैसा बचा पाते हैं।  

हमने लॉटरी जीतने वाले उन गरीब लोगों की कहानियां सुनी हैं जो अचानक अमीर बन जाते हैं। परंतु कुछ समय बाद वह फिर से गरीब हो जाते हैं। यह लोग लाखों करोड़ों जीतते हैं लेकिन फिर भी लौट कर वहीं आ जाते हैं जहां से उन्होंने शुरू किया था। आपने उन व्यवसाय एथलीट्स की कहानियां भी पढ़ी होंगी जो 24 साल की उम्र में हर साल करोड़ों डॉलर कमाते हैं और 34 साल की उम्र में उन्हें पुल के नीचे सोना पड़ता है। उनके पास पैसा होने के बावजूद भी वह पैसा उनके पास ज्यादा समय तक नहीं टिक पाता है।

इसका सिर्फ एक ही कारण होता है कि लोग अपने जीवन में अक्सर संपत्ति की जगह दायित्व खरीदते रहते हैं। जिसके कारण वह गरीब हो जाते हैं। अब आपको बताते हैं कि संपत्ति और दायित्व में क्या फर्क होता है।

“ संपत्ति वह होती है जो आपकी जेब में पैसा डालती है और दायित्व वे खर्च होते हैं जो आपकी जेब से पैसा बाहर निकालते हैं ”  

लोग संपत्ति इक्कट्ठी करते हैं। गरीब और मध्यमवर्गीय लोग दायित्व इक्कट्ठे करते हैं और मजे की बात यह है कि उन लोगों को यह लगता है कि वह संपत्ति इकट्ठी कर रहे हैं। यदि आपको अमीर बनना है तो आप जिंदगी भर संपत्ति खरीदते रहिए।

अगर आप गरीब और मध्यम वर्गीय बनना चाहते हैं तो आप दायित्व खरीदते रहिए। 

आइए इस बात को एक उदाहरण से समझते हैं। जब मध्यमवर्गीय परिवार के लोगों के पास पैसा आता है अथवा उनकी आमदनी बढ़ती है तो उनके खर्चे भी बढ़ने लगते हैं। अब वह किराए के मकान में रहने की बजाय अपना मकान खरीदना पसंद करते हैं। इस प्रकार से अपने घर में पहुंच जाते हैं और उन पर एक नए टैक्स का बोझ आ जाता है जिसे प्रॉपर्टी टैक्स कहते हैं। फिर वह लोग एक नई कार खरीदते हैं। उसके बाद नया फर्नीचर और नया सामान खरीदते हैं ताकि उनका घर आलीशान लगे। कही घूमने जाते है, मौज मस्ती करते है। महंगे कपड़े और महंगे मोबाइल खरीदते है। कई बार इन सब चीजों को खरीदने के लिए EMI या बैंक लोन भी लेते है। अचानक वे सपने से जागते हैं और देखते हैं कि उनके दायित्व यानिकी खर्चो  का कॉलम बढ़ गया है और वह कर्ज में है। अब उन्हें बहुत से लोन और क्रेडिट कार्ड के बिल चुकाने हैं।

तभी उनके पास पड़ोसी आते हैं और उन्हें शॉपिंग पर चलने का न्योता देते हैं और बताते हैं कि सेल लगी हुई है और वहां पर सस्ता सामान मिल रहा हैवह अपने आप से कहते हैं कि मैं कुछ नहीं ख़रीदूँगा। क्योंकि मेरे ऊपर तो पहले ही काफी कर्जा है। मैं तो सिर्फ देखने जा रहा हूं। परंतु अगर कोई चीज जम जाए तो उसे खरीदने की उम्मीद में वे अपने क्रेडिट कार्ड को ले जाना नहीं भूलते।  
उनकी खर्चीली आदत ने उन्हें और ज्यादा कमाने के लिए मजबूर कर दिया है। 

अपने खर्चो को मेंटैन करने के लिए रोजाना नौकरी पर जाते है पार्ट टाइम करते है। वे इतना भी नहीं जानते कि दरअसल समस्या पैसे कमाने की नहीं है पैसा सही तरह से खर्च करने की है और यही पैसे की तंगी का कारण है। यह समस्या इसलिए पैदा होती है क्योंकि वह संपत्ति और दायित्व के फर्क को नहीं समझते। जाने अनजाने में वे संपत्तियों की जगह दायित्व खरीदते रहते हैं। इस प्रकार गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार कर्ज के दलदल में फंसते चले जाते है।

यहां पर डॉ रॉबर्ट आपको सलाह देते हैं कि यदि आप किसी खड्डे में फंसे हुए हैं तो खड्डे को खोदना बंद कर दो। उसी प्रकार यदि आप कर्ज में फंसे हुए हैं तो खर्चे कम कर दो ”

अमीर लोग और ज्यादा अमीर इसलिए बनते हैं क्योंकि उनके संपत्ति वाले कॉलम में इतनी ज्यादा आमदनी होती है कि खर्च आराम से चल जाता है और कुछ पैसा बच भी जाता है। इस बचे हुए पैसे को एक बार फिर से संपत्ति वाले कॉलम में दोबारा इन्वेस्ट कर दिया जाता है। संपत्ति वाला कॉलम बढ़ता जाता है और उस संपत्ति से होने वाली आमदनी भी बढ़ती रहती है। नतीजा अमीर लोग और ज्यादा अमीर होते जाते हैं।  

मध्य वर्ग के लोग हमेशा पैसों की तंगी से जूझते रहते हैं। उनकी मूल आमदनी तनख्वाह से होती है और जैसे-जैसे उनकी तनख्वाह बढ़ती है। उनके खर्चे और टैक्स भी बढ़ते जाते हैं। इसलिए से चूहा दौड़ कहा गया है।

गरीब और मध्यमवर्गीय सोसाइटी के दिमाग मे यह बात बैठ गई है की तनख्वाह बढ़ने पर खर्च भी बढ़ना चाहिए। तनख्वाह बढ्ने पर ऐशों आराम की चीजे खरीदनी चाहिए। इस बढ़ते हुए खर्च के कारण परिवार ज्यादा कर्ज में फंस जाते हैं और उन्हें पैसे की ओर ज्यादा तंगी का सामना करना पड़ता है। हालांकि वे अपनी नौकरी कर रहे हैं और उनकी सैलरी भी बढ़ रही है । लेकिन फिर भी उनकी पूर्ति नही हो रही है। इसका कारण यह है कि ऐसे लोगों में पैसे की समझ का न होना।

जबकि होना तो यह चाहिए कि जब आपकी तनख्वाह बढ़े तो आपको इन बढ़े हुए पैसो को इनवेस्टमेंट मे लगाये । ताकि आपका यह पैसा और अधिक बढ़े जिससे संपत्ति वाले कॉलम मे इजाफा हो। जैसे जैसे आप थोड़ी थोड़ी इंवेस्टमेंट बढ़ाते जाएंगे आप पहले से अधिक पावरफूल हो जायेंगे और कुछ सालो की इंवेस्टमेंट के बाद आप एक अच्छा खासा अमाउंट अपने पोर्टफोलियो मे बना लेते है।

दूसरा जब भी आप किसी चीज को खरीद रहे हो तो अपने आप से यह पूछे कि क्या मैं संपत्ति खरीद रहा हूँ या दायित्व खरीद रहा हूँ । यदि आप अपने जीवन मे संपत्ति वाले कॉलम मे इजाफ़ा कर रहे है तो यह आपके आने वाले समय मे अमीर होने के संकेत है।

लेकिन यदि आप केवल दिखावे या मौज मस्ती के लिये अनचाहे दायित्वों यानिकी खर्चो को जीवन मे ला रहे है तो आप हमेशा गरीब ही रहेंगे।            

Saturday 22 February 2020

Rich Dad Poor Dad book summary in Hindi ll Gyan Guru Tech


This video is summary of Robort Kiyosaki book Rich Dad Poor Dad. This book teach us principal of financial management.

Friday 21 February 2020

Robot Kiyosaki की Book Rich Dad Poor Dad से सीखे फाइनेंसियल मैनजमेंट के सिद्धान्त


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Robot Kiyosaki की Book Rich Dad Poor Dad से सीखे फाइनेंसियल मैनजमेंट के सिद्धान्त

दोस्तों इस पोस्ट को मैंने डॉ रोबोट कियोसाकी की BOOK RICH DAD POOR DAD की मदद से बनाया है। इस BOOK  मे रोबोट कियोसाकी कहते है कि उनके जीवन में उन्हे दो डैडी मिले थे। जिसमे एक उनके असली पिता जिनहे वो गरीब डैडी कहते हैं और दूसरे उनके दोस्त के पिता जिनहे वो अमीर डैडी कहते हैं।

इस BOOK मे डॉ. रॉबर्ट कियोसकी हमें बताते हैं अमीर लोग अपने बच्चों को ऐसा क्या सिखाते हैं जिससे वह कम पढ़े लिखे होने के बावजूद भी अधिक पैसे कमाते हैं, जबकि गरीब लोग अधिक शिक्षित होने के बावजूद भी जीवन भर गरीब ही रह जाते हैं।

रोबोट कियोसाकी गरीब लोगों के जीवन को चूहा दौड़ कहते हैं। उनके अनुसार यदि आप कड़ी मेहनत करने वाले लोगो की जिंदगी को देखेंगे तो आपको उसमें एक ही जैसा सफर नजर आएगा 

जैसे बच्चा पैदा होता है, स्कूल जाता है, माता पिता खुश हो जाते हैं, क्योंकि बच्चे को स्कूल में अच्छे नंबर मिलते हैं, उसका दाखिला कॉलेज में हो जाता है। जब बच्चा पर पढ़ लिखकर कमाने लायक हो जाता है और किसी नौकरी की तलाश करता है तो वह बच्चे को उस समय काम मिल जाता है। शायद  अब वह वकील, अकाउंटेंट या डॉक्टर बन जाता है या सरकारी नौकरी करने लगता है। अब उसके पास पैसे आने लगते हैं। जब उस युवक के पास में पैसे आते हैं तो वह उन जगहों पर जाता है, जहां पर उसकी उम्र के नौजवान होते हैं। वे डेटिंग करते हैं, मस्ती करते हैं और कभी कबार शादी भी कर लेते हैं।  जीवन में मजा आ जाता है। क्योंकि आजकल पुरुष और महिलाएं दोनों नौकरी करते हैं। दो तनख्वाहै  बहुत अच्छी लगती हैं। पति पत्नी को लगता है कि उनकी जिंदगी सफल हो गई है। उसके बाद वे घर का टेलिविजन बदलने का फैसला करते हैं। छुट्टियां मनाने के लिए कहीं बाहर चले जाते हैं और एक अच्छा घर और नयी कार खरीद लेते हैं।  

अब धीरे धीरे उनके बच्चे बड़े होने लगते हैं। बच्चो की पढ़ाई के खर्चे और दूसरे खर्चे दैनिक जीवन में आ जाते हैं। जिससे उनको लगता है कि अब उन्हें पैसे कमाने के लिए और अधिक मेहनत करनी चाहिए  और वह कहीं दूसरी जगह पर पार्ट टाइम ढूंढ लेते है। फिर जैसे-जैसे आमदनी बढ़ती है उन्हें अपनी आमदनी पर सरकार को टैक्स भी देना होता है। घर खरीदने पर भी उन्हें टैक्स देना पड़ता है। दूसरे बिल चुकाने पर भी टैक्स देना पड़ता है। ऐसे करते-करते उनकी पूरी तनख्वाह टैक्स चुकाने में ही चली जाती है। अब जब उस बड़ी हुई तनख्वाह को घर लेकर आते हैं तो हैरान होते हैं कि इतना सारा पैसा आखिर कहां चला जाता है। इसके साथ उन्हें अपने रिटायरमेंट के लिए पैसा बचाने की चिंता भी सताने लगती है इसी को देखते हुए रोबोट कियोसाकी ने अपनी बुक में इसे चूहा दौड़ का नाम दिया है।  

डॉ रॉबर्ट इस चूहा दौड़ से बाहर निकलने के लिए दोनों डैडी से सीखते है। वो कहते है कि मैरे दोनों ही डैडी अपने करियर में सफल थे। दोनों ने जिंदगी भर कड़ी मेहनत की थी और उन्होंने काफी पैसा कमाया था। परंतु उनमें से एक पूरी जिंदगी पैसे के लिए परेशान होता रहा और दूसरा हवाई के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक बन गया।  

एक के मरने पर उसके परिवार, चर्च और जरूरतमंदों को करोड़ों डॉलर की दौलत मिली और दूसरा अपना पीछे कर्ज छोड़कर मरा। दोनों डैडी इरादे के पक्के चमत्कारी और प्रभावशाली थे। दोनों ने मुझे सलाह दी परंतु उनकी सलाह एक सी नहीं थी।
दोनों ही डैडी प्रभावशाली थे। इसलिए मैंने दोनों से ही सीखा मुझे दोनों की सलाह पर ही सोचना पड़ता था। इस तरह सोचते सोचते मैंने यह भी जान लिया कि किसी व्यक्ति के विचार उसकी जिंदगी पर कितना पर जबरदस्त प्रभाव डालते हैं

उदाहरण के तौर पर एक डैडी को यह कहने की आदत थी मैं इसे नहीं खरीद सकता। जबकि दूसरे डैडी  इन शब्दों के इस्तेमाल से चिढ़ते थे और जोर देकर कहा करते थे कि मुझे इसके बजाय यह कहना चाहिए मैं इसे कैसे खरीद सकता हूं। पहला वाक्य नकारात्मक है और दूसरा प्रश्नवाचक। एक में बात खत्म हो जाती है और दूसरे में आप सोचने के लिए मजबूर हो जाते हैं।

मेरे जल्द अमीर बनने वाले डैडी ने मुझे समझाया कि जब हम कहते हैं कि मैं  इसे नहीं खरीद कर सकता तो हमारा दिमाग काम करना बंद कर देता है। इसके बजाय जब हम खुद से यह सवाल पूछते हैं कि मैं इसे कैसे खरीद सकता हूं तो हमारा दिमाग काम करने लगता है। हमारे दिमाग को एक काम मिल जाता है और वह उस काम को करने मे जुट जाता है।  

वो हमारे दिमाग से कसरत करवाना चाहते थे। क्योंकि उनके ख्याल से दिमाग दुनिया का सबसे ताकतवर कंप्यूटर है। जिस प्रकार जिम मे रोज कसरत करने से शरीर मजबूत होता है। उसी प्रकार दिमागी कसरत से दिमाग तेज होता जाता है और यह जितना तेज होता है। आप उतना ही ज्यादा पैसा कमा सकते है। 

हालांकि दोनों ही डैडी अपने काम में कड़ी मेहनत करते थे। परंतु पैसे के मामले मैं एक डैडी की आदत ऐसी थी कि वे अपने दिमाग को सुला देते थे। जबकि दूसरे डैडी अपने दिमाग को लगातार कसरत करवाते रहते थे। इसका दीर्घकालीन परिणाम यह हुआ कि एक डैडी आर्थिक रूप से बहुत अमीर होते चले गए जबकि दूसरे डैडी लगातार गरीब होते गए। 

दोनों डैडी की विचारधारा में जमीन आसमान का अंतर था। गरीब डैडी सिख देते थे कि मेहनत से पढ़ो ताकि तुम्हें किसी अच्छी कंपनी में नौकरी मिल जाए जबकि अमीर डैडी कहते थे कि इस प्रकार पढ़ो कि तुम्हें कंपनी को खरीदने का मौका मिल जाए। एक का कहना था जहां पैसे का सवाल हो सुरक्षित कदम उठाओ, खतरा मत उठाओ। दूसरे का कहना था खतरों का सामना करना सीखो।

एक डैडी ने उन्हें बताया कि अच्छी नौकरी तलाशने के लिए अच्छा सा बायोडाटा कैसे लिखा जाए। दूसरे ने उन्हे यह सिखाया कि कैसे मजबूत फ़ाईनंशियल योजनाए बनाई जाए जिससे मैं नौकरियां दे सकूं। उदाहरण के तौर पर मेरे गरीब डैडी अपने बारे मे हमेशा यह कहा करते थे मैं कभी अमीर नहीं बन पाऊंगा और उनकी यह भविष्यवाणी सही साबित हुई।  

दूसरी तरफ मेरे दूसरे डैडी हमेशा खुद को अमीर समझते थे। एक बार बड़े आर्थिक झटके के बाद वो  दीवालियापन की कगार पर थे। तब भी वह खुद को अमीर आदमी ही कहते रहे। वह अपने समर्थन में यह कहते थे गरीब होने और पैसे ना होने में फर्क होता है पैसा पास में ना होना अस्थाई होता है जबकि गरीबी स्थाई है।  

गरीब डैडी यह भी कहते थे कि मेरी पैसे में कोई रुचि नहीं है पैसा महत्वपूर्ण नहीं है। जबकि अमीर डैडी हमेशा कहते थे पैसे में बहुत ताकत है। रोबोट कियोसाकी के अनुसार गरीब डैडी इसलिए गरीब नहीं थे क्योंकि वो कम कमाते थे। बल्कि इसलिए गरीब थे क्योंकि उनके विचार और काम गरीबो की तरह थे। दोनों डैडी से जुड़े होने के कारण बचपन से ही वे कन्फ्युज रहते थे कि मैं किस तरह की विचारधारा अपनाऊ।

दोनों ही शिक्षा और ज्ञान को महत्वपूर्ण मानते थे। परंतु क्या सीखा जाए इस बारे में दोनों की राय अलग अलग थी। एक चाहते थे मैं पढ़ाई में कड़ी मेहनत करो डिग्री लो और पैसे कमाने के लिए अच्छी सी नौकरी ढूंढ लूं। वह चाहते थे कि मैं एक पेशेवर अधिकारी वकील या अकाउंटेंट बन जाऊं या एमबीए कर लूं।  

दूसरे डैडी मुझे प्रोत्साहित करते थे कि मैं अमीर बनने का रहस्य सीख लूं। यह समझ लूं कि पैसा किस तरह काम करता है और यह जान लूँ कि इससे अपने लिए कैसे काम कराया जाता है। वो कहते थे कि  मैं पैसे के लिए काम नहीं करता, पैसा मेरे लिए काम करता है। इन शब्दों को वह बार-बार दोहराए करते थे। अंत मैं मैंने यह फैसला किया कि पैसे के बारे में अपने अमीर डैडी की बात सुनूंगा और उनसे सीख लूंगा। यह फैसला करने का मतलब था अपने गरीब डैडी की बातों पर ध्यान ना देना। हालांकि उनके पास कॉलेज की बहुत सी डिग्रियां थी जो मेरे अमीर डैडी के पास नहीं थी।

Sunday 16 February 2020

What is Credit Score ? Credit Score ya Cibil Score kya hota hai


This video about credit score. I have explained that what is credit score or cibil score. Many people are confuse that cibil and credit score not same. But I am clearly saying that Credit and Cibil score are not different things. Credit score are examined by banks when you need a loan. If your credit score are not good then your application are rejected. So I want to tell you that credit score is most important thing for every person. Credit score is only 3 number. It is started to 300 to 900.

Tuesday 4 February 2020

जानिए होम लोन कैसे मिलेगा

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जानिए होम लोन कैसे मिलेगा 
दोस्तो दुनिया में हर इंसान अपना एक घर चाहता हैं और घर बनाने के लिए पैसों की जरूरत होती है। लेकिन इतने पैसे कहा से लाये। दोस्त और रिश्तेदारों से तो मांगने मे भी शर्म आती है और जहाँ बात हो लाखो की तो वहाँ तो वैसे ही सब पीछे हट जाते है। लेकिन आपने अपना सपनों का घर बनाने का मन बना ही लिया है तो आप बैंक से घर बनाने के लिए लोन ले सकते है और इस पोस्ट में हम यह जानेंगे की होम लोन लेने के लिए बैंक में कौन कौन से डॉक्यूमेंट देने होते हैं। जिससे हमें आसानी से लोन मिल जाए।

KYC DOCUMENTS - होम लोन लेने के लिए सबसे पहले आपको अपने केवाईसी डॉक्यूमेंट देने होते हैं। केवाईसी डॉक्यूमेंट में जैसे आपके एड्रेस के प्रूफ के लिए आपका राशन कार्ड, बिजली का बिल या टेलीफोन का बिल हो सकता है। उसके बाद पहचान के लिए आपका आधार कार्ड, पैन कार्ड वोटर कार्ड, ड्राइविंग लैसेंस की फोटोकोपी इत्यादि देना होता है।   

INCOME PROOF - यदि आप नौकरी करते हैं तो नौकरी करने वालों को अपनी पिछले 6 महीने की सैलरी स्लिप और फॉर्म 16 की डिटेल देनी होती है। बैंक स्टटमेंट की कॉपी जिसमे आपके पिछले 6 महीने की सैलरी आयी हो। ताकि बैंक को यह पता चले कि आप की कितनी सैलरी है और आप लोन का पैसा देने में सक्षम है अथवा नहीं है।

यदि आप बिजनेस करते हैं तो आपको अपने बिजनेस के पिछले 3 साल की इनकम टैक्स रिटर्न और CA से  सर्टिफाइड PROFIT & LOSS अकाउंट की कॉपी देना होती है। कुछ बैंक लोन देते समय ग्राहकों से उनके इन्वेस्टमेंट के डॉक्यूमेंट भी रखवाते हैं जैसे म्यूच्यूअल फंड, शेयर, फ़िक्स्ड डिपॉजिट इत्यादि।  

CREDIT SCORE – होम लोन लेने के लिए आपका क्रेडिट स्कोर 700 से 750 के बीच में होना चाहिए। यदि आपका क्रेडिट स्कोर इतना है तो समझो आपकी लॉटरी ही लग गई। क्योंकि इतना क्रेडिट स्कोर होने पर आपको आसानी से लोन मिल जाता है और आपको बैंक के द्वारा कम ब्याज दर चार्ज की जाती है।  इसलिए होम लोन लेने के लिए सबसे पहले अपना सिबिल स्कोर चेक करें। हो सकता है आपने कोई पुराना लोन लिया हुआ हो अथवा क्रेडिट कार्ड की पेमेंट होल्ड कर रखी हो। इसलिए पहले उसको चुकता कर दें। जिससे आपका सिविल स्कोर बढ़ जाए।

PROPERTY DOCUMENTS - आपने कोई प्रॉपर्टी खरीदी है तो आपको उसके सेल एग्रीमेंट की कॉपी, पार्टनरशिप डीड, प्रॉपटी रजिस्टरेशन सर्टिफिकेट, संपत्ति के मालिकाना हक के दस्तावेज़ और यदि बिल्डर से फ्लैट खरीदा है तो खरीददार और बिल्डर के बीच हुए करार के दस्तावेज़ की हसली प्रति। 

INFORMATION OF PAST LOANS - यदि आपने पहले से कोई लोन लिया हुआ है तो वह जानकारी भी आपको बैंकों बतानी होती है। क्योंकि आप जो पुराने लोन की ईएमआई दे रहे हैं उसके आधार पर ही आपका नया लोन का अमाउंट भी तय होता है। बैंक में होम लोन आपको आपकी सैलरी के 50% अमाउंट से अधिक नहीं दिया जा सकता है।

उदाहरण के तौर पर यदि आपकी सैलरी 50000 रूपये है तो आपकी EMI 25000 रूपये तक ही हो सकती है।  अब यदि आपने कोई पुराना लोन लिया हुआ है जिसकी EMI आप 10000 रूपये प्रति महीना देते हैं तो ऐसी स्थिति में आपको जो नया होम लोन मिलेगा उसकी EMI मासिक 40000 रूपये तक हो सकती है।  क्योंकि बैंक के अनुसार किसी भी ग्राहक को अपने घर को चलाने के लिए 50% अमाउंट की जरूरत होती है और बाकी 50% से वो लोन की EMI दे सकते है।    

कितना लोन मिल सकता है - आप की प्रॉपर्टी की जितनी वैल्यू है उस वैल्यू के 70 से 80% अमाउंट तक का लोन आप ले सकते हैं. उदाहरण के तौर पर यदि आपकी प्रॉपर्टी की वैल्यू से 10 लाख रुपए है तो आप 7  से आठ लाख रूपये तक का लोन बैंक से ले सकते हैं।

How to reconcile party ledger in excel