Thursday 12 November 2020

धन का नियम क्या है ? Rule of money

 

धन का नियम क्या है ? Rule of money

 

दोस्तों आपने देखा होगा कि कई बार कुछ लोगो के पास ढेर सारा पैसा तो आ जाता है लेकिन वे उसे गंवा देते हैं या फिर कुछ लोगों के पास बेहतरीन अवसर होते हैं और उनकी शुरुआत भी अच्छी होती है।  लेकिन बाद में सब कुछ टाय टाय फिश हो जाता है। आखिर इसकी असली वजह क्या है और हमे ऐसा क्या करना चाहिए जिससे हम कामयाबी हासिल कर सके। 

 

दोस्तों हम सबसे पहले नाकामयाबी की असली वजह जानते हैं। नाकामयाबी का एक कारण तो बाहर से बदकिस्मती, अर्थव्यवस्था की मंदी या बुरा पार्टनर या चाहे जो दिख सकता है। लेकिन वास्तव मे अंदर की तरफ यह एक अलग ही मामला होता है। अगर आपके पास बहुत सा पैसा आ जाए लेकिन आप भी इसके लिए तैयार ना हो तो इस बात की संभावना है कि दौलत आपके पास ज्यादा देर तक नहीं टिकेगी और आप से गवा देंगे। उद्धारण के लिए हम अपने छोटे बच्चों 5,10 रुपए टॉफी खाने के लिए देते है जिसमे वो खुश भी हो जाते है। लेकिन जब उसी बच्चे को किसी से 100 रुपए मिल जाते है तो उसे भी वे तुरंत खर्च कर देते है या गुम कर देते है। क्योंकि उन्हे पैसे संभालने और इन्वेस्ट करने की समझ नहीं होती है।

इसी प्रकार ज्यादातर लोगों के पास ढेर सारे पैसे बनाने और रखने की आंतरिक क्षमता ही नहीं होती है। उनके पास ज्यादा दौलत और सफलता के साथ आने वाली चुनौतियों से निपटने का अनुभव ही नहीं होता। मेरे दोस्तों यही वह मूल कारण है जिस वजह से उनके पास कभी ज्यादा पैसा नहीं होता है।


लॉटरी जीतने वाला इसका आदर्श उदाहरण है। लॉटरी जीतने वाले चाहे जितनी बड़ी धनराशि जीत ले उनमे से ज्यादातर कुछ समय बाद अपनी पुरानी वित्तीय अवस्था में लौट आते हैं। यानी इतनी धनराशि पर जितनी के साथ वे आराम से रहते हैं। दूसरी तरफ खुद के दम पर मिलियनर्स बनने वालों के साथ इसका उल्टा होता है। ध्यान दें जब सेल्फ मेड मिलियनर्स पैसा गंवा देते हैं तो आमतौर पर वे बहुत कम समय में ही वापस भी पा लेते हैं।


डोनाल्ड ट्रंप इसकी बेहतरीन मिसाल है ट्रंप के पास billion-dollar थे। उनका सारा पैसा डूब गया लेकिन कुछ साल बाद उन्होंने ना सिर्फ डूबी दौलत पा ली बल्कि उससे भी ज्यादा कमा ली। ऐसा क्यों होता है कारण यह है कि हालांकि कुछ सेल्फमेड मिलियनर्स पैसा गँवा तो सकते हैं। लेकिन वे अपनी सफलता के सबसे महत्वपूर्ण तत्व को कभी नहीं गंवाते हैं और वो महत्वपूर्ण तत्व है उनका मिलियनर्स दिमाग या वह एहसास है कि वे कभी हार मानकर बनकर खुश नहीं रह सकते ।

अगर डोनाल्ड ट्रंप की कुल संपत्ति सिर्फ एक मिलियन डॉलर होती तो आपके हिसाब से वह अपनी सफलता के बारे में कैसा महसूस करते। ज्यादातर लोगों की राय यही होगी कि वह शायद खुद को दिवालिया और वित्तीय दृष्टि से असफल मानते। ऐसा इसलिए है क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप की दिमागी क्षमता मिलियन पर नहीं बल्कि बिलियन लेने पर निर्धारित है। हम मे से ज्यादातर लोगों की दिमागी क्षमता मिलियन पर नहीं बल्कि हजारों डॉलर कमाने पर आधारित होती है। कुछ लोगों की दिमागी क्षमता हजारों पर भी नहीं बल्कि सैकड़ों पर निर्धारित होती है। जबकि कुछ लोगों की दिमागी क्षमता शून्य से भी नीचे निर्धारित होती है। इसी कारण ज्यादातर लोग कभी अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच ही नहीं पाते हैं।

दौलत का सिद्धांत

दोस्तों जीवन एक पेड़ है। इस पेड़ पर फल लगे हैं। जीवन में हमारे फल हमें मिलने वाले परिणाम हैं। हम इन फलों को देखते हैं और वह हमें पसंद नहीं आते हैं। वह कम है छोटे हैं या उनका स्वाद अच्छा नहीं है तो हम आदतन क्या करते हैं। हम मे से ज्यादा लोग फलों पर यानी मिलने वाले परिणामों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने लगते हैं। लेकिन वह वास्तव में आए कहां से हैं। फल तो बीज और जड़ों से उत्पन्न हुए हैं जो जमीन के अंदर हैं। वह जमीन के ऊपर की चीजों को पैदा करता है जो दिखता नहीं है वह दिखने वाली चीजों की रचना करता है। इसका क्या मतलब है इसका मतलब यह है कि अगर आप फलों को बदलना चाहते हैं तो पहले आपको जड़ों को बदलना होगा। अगर आप दिखाई देने वाली चीजों को बदलना चाहते हैं तो उसके पहले आपको अदृश्य चीजों को बदलना होगा।


अगर आप फूलों को बदलना चाहते हैं तो पहले आपको जड़ों को बदलना होगा। अगर आप दिखाई देने वाली चीजों को बदलना चाहते हैं तो उसके पहले आपको अदृश्य चीजों को बदलना होगा। कुछ लोग कहते हैं कि जो दिखता है वही सच होता है। ऐसे लोगों से मैं एक ही सवाल पूछता हूं आप लोग बिजली का बिल भरने के लिए झंझट क्यों पालते हैं। हालांकि आप उसे भी तो देख नहीं सकते लेकिन आप बेशक इसकी शक्ति को पहचान सकते हैं और इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपको इसके अस्तित्व के बारे में किसी भी तरह की शंका हो तो अपनी उंगली बिजली के किसी सॉकेट में डाल कर देख ले। मेरा दावा है कि आपकी सारी शंकाएं एक झटके में दूर हो जाएंगी। अपने अनुभव से मैं इतना कह सकता हूं कि आप इस दुनिया में जो नहीं देख सकते हैं। वह किसी भी दिखने वाली चीज से ज्यादा शक्तिशाली होता है। आप इस बात से सहमत हो या ना हो लेकिन जिस हद तक आप इस सिद्धांत को अपने जीवन में लागू नहीं करते हैं उस हद तक आप को कष्ट उठाना पड़ेगा। क्योंकि आप प्रकृति के नियमों के खिलाफ जा रहे हैं, जिनके द्वारा जमीन के नीचे की चीज जमीन के ऊपर की चीज उत्पन्न करती है। जिनके द्वारा ना दिखने वाली चीजें दिखने वाली चीजों को उत्पन्न करती है।


इंसान प्रकृति से ऊपर नहीं है बल्कि उसका हिस्सा है। इसका मतलब यह है कि हम प्रकृति के नियमों के अनुरूप चलते हैं और अपनी जड़ों यानि अपने आंतरिक संसार पर काम करते हैं तो हमारे जीवन  मे सभी काम सही होते है। जब हम ऐसा नहीं करते हैं तो जिंदगी मुश्किल हो जाती है।  


दुनिया के हर जंगल, हर खेत, हर बगीचे में जमीन के अंदर की चीजों ने ही जमीन के ऊपर की चीजों को पैदा किया है। इसलिए ऊपर जो पेड़ पर लटक रहे हैं आप उन्हें नहीं बदल सकते। हां आप भविष्य में मिलने वाले फलों को बदल सकते हैं। लेकिन ऐसा करने के लिए आपको जमीन की खुदाई करनी होगी और जड़ों को मजबूत करना होगा।


आपके जीवन मे धन परिणाम है, दौलत परिणाम है, सेहत परिणाम है, बीमारी परिणाम है, आपका मोटापा परिणाम है। हम कारण और परिणाम की दुनिया में रहते हैं आपको जो भी परिणाम मिल रहे हो चाहे वह लाभदायक हो या हानिकारक, अच्छे हो या बुरे, सकारात्मक व नकारात्मक। हमेशा याद रखें कि आपका बाहरी संसार सिर्फ आप के अंदरूनी संसार का आईना है । अगर आपकी बाहरी जिंदगी में चीजें अच्छी नहीं हो रही है तो सिर्फ कारण यह है कि आपकी अंदरूनी जिंदगी में चीज अच्छी नहीं हो रही है। पहले आपको खुद को बदलना होगा। यह मुद्दे की बात है।

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