Friday 15 May 2020

सम्मान पाना चाहते है तो इन नियमो को अपनाए


   
दोस्तों इस पोस्ट में हम यह सीखेंगे की ह्म ऐसा क्या करे जिससे हमे दुसरो का सम्मान मिले और Compititon के इस दौर मे हम किसी से पीछे न रहे और हमारी मांग कम न हो.

1.लोगों को अपने पर निर्भर बनाना सीखे- अपनी स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए आपको ऐसा बनना चाहिए जिसकी लोगों को हमेशा आपकी जरूरत पड़े और वे आपको चाहे. आप पर जितना ज्यादा भरोसा किया जाएगा आपके पास उतनी ही ज्यादा स्वतंत्रता होगी. कुछ ऐसा करें ताकि दूसरे अपने सुख समृद्धि के लिए आप पर निर्भर बन जाए. ऐसा करने के बाद आपको किसी चीज का डर नहीं लगेगा रहेगा. लोगों को इतना ना सिखाएं कि आपके बिना उनका काम चल जाए. जब आप लोगों के साथ निर्भरता के संबंध बनाते है तो लोग बिना किसी दबाव के आपकी इच्छा के अनुसार काम करते है और आपकी शक्ति बढती है.

मालिक को आपकी सेवाओं की जरूरत है. वह कमजोर है या आपके बिना काम नहीं कर सकता है. आप इतनी गहराई तक उसके काम में डूब चुके हैं कि आप को हटाने से उसे बहुत मुश्किलें आएंगी या आपकी जगह पर किसी अन्य व्यक्ति को प्रशिक्षण देने में उसका बहुत सा कीमती समय बर्बाद होगा. एक बार जब इस संबंध तरह का संबंध स्थापित हो जाता है तो आपकी स्थिति सशक्त हो जाती है और आप मालिक से अपना मनचाहा काम करवा सकते हैं. आप सिंहासन के पीछे बैठे राजा के उस सेवक की तरह होते हैं जो दरअसल राजा को नियंत्रित करता है.  

अगर आप खुद को अनिवार्य नहीं बना पाते हैं तो पहला मौका मिलते ही आपको बाहर निकाल दिया जाएगा. आप की जगह पर किसी कम उम्र वाले, कम महंगे और कम जोखिम वाले नए व्यक्ति को नियुक्त कर दिया जाएगा. यदि सब कुछ आप पर निर्भर होगा तो आपको निकाला नहीं जा सकता है क्योंकि आपको निकालने का मतलब तबाही है. इसलिए आपका मालिक यह जोखिम कभी नहीं ले सकता है. इस तरह की स्थिति में आने के बहुत से तरीके हैं. उसमें सबसे महत्वपूर्ण है किसी ऐसी योग्यता या रचनात्मक प्रतिभा का होना जिसका कोई विकल्प ही ना हो.

इस बात को Author एक कहानी के द्वारा समझाते हैं. एक बार दो घोड़े अपनी पीठ पर एक एक गट्ठर लाद कर ले जा रहे थे. आगे वाला घोड़ा अच्छी तरह चल रहा था. लेकिन पीछे वाला घोड़ा आलसी था. उनके मालिक ने पीछे वाले घोड़े का गट्ठर भी सामने वाले घोड़े पर लाद दिया. गट्ठर का वजन हटने के बाद पीछे वाला घोड़ा आसानी से चलने लगा और आगे वाले घोड़े से बोला तुम मेहनत करो और पसीना बहाओ. तुम जितनी ज्यादा मेहनत करोगे तुम्हें उतना ही ज्यादा कष्ट उठाना पड़ेगा. जब वह सराय तक पहुंच गए तो मालिक ने कहा जब मैं एक ही घोड़े पर सारा सामान लाद सकता हूं तो फिर मैं दो घोड़ों को खिलाने पिलाने का खर्च क्यों उठाऊं. इससे अच्छा तो यह रहेगा कि मैं एक घोड़े को भरपेट खिलाओ और दूसरे की खाल उतरवा लो कम से कम मुझे उसकी चमड़ी तो मिल ही जाएगी और उसने ऐसा ही किया. इसलिए हमेशा दूसरों को अपने ऊपर निर्भर बनाना सीखे. जब लोग अपनी प्यास बुझा लेते है तो वह तत्काल कुए की तरफ पीठ कर लेते है. क्योंकि अब उन्हें उसकी जरूरत नहीं है. जब निर्भरता खत्म हो जाती है तो शिष्टता और सभ्यता भी खत्म हो जाती है और उसके बाद सम्मान भी. इसलिए आपको पहला सबक यह सीखना चाहिए कि दुसरो की समस्या का समाधान जरुर करे लेकिन पूरी तरह संतुष्ट ना करें. दुसरो को हमेशा आपकी जरूरत महसूस होनी चाहिए.

2.सम्मान पाने के लिए दूरी बनाएं- कही भी बहुत ज्यादा आने जाने से कीमत घटती है. आप जितना ज्यादा दिखते और बोलते हैं आप उतने ही साधारण नजर आते हैं. अगर आप किसी समूह में स्थापित हो चुके हैं तो कुछ समय के लिए उससे दूर रहें. आप के अनुपस्थित रहने पर आपके बारे में ज्यादा बातें होंगी और आपकी ज्यादा तारीफ भी होगी. आपको बस यह सीख लेना चाहिए कि दूर कब रहना है. अभाव से हर चीज का मूल्य बढ़ जाता है इस सिद्धांत का लाभ लें.

उदाहरण के लिए इस नियम की सच्चाई को प्रेम प्रसंगों में आसानी से देखा जा सकता है. प्रेम प्रसंगों की शुरुआत में प्रेमिका की अनुपस्थिति से आपकी कल्पना की उड़ान उसे महिमामंडित कर देती है. लेकिन जब आप उसके बहुत करीब रहने लगते हैं तो यह आभामंडल धुंधला पड़ने लगता है. क्योंकि अब आपकी कल्पना को उड़ने की जगह ही नहीं मिलती है. इस स्थिति में प्रेमिका भी सामान्य लगने लगती है इसलिए आप उसकी उपस्थिति को ज्यादा महत्व नहीं देते हैं. इसे रोकने के लिए आपको चाहिए कि आप सामने वाले से दूर हट जाए. अगर उन्हें इस बात की आशंका रहेगी कि आप हमेशा के लिए उनसे दूर जा सकते हैं तो वह आपका सम्मान करने के लिए मजबूर हो जाएंगे.

इस नियम का एक और रोजमर्रा का उदाहरण है जो इसकी सच्चाई को और भी स्पष्टता से बताता है वो यह है कि अर्थशास्त्र में दुर्लभता का नियम - बाजार से किसी चीज को हटा दीजिए उसका मूल्य तत्काल बढ़ जाएगा.

एक अन्य उदाहरण के तौर पर Author बताते है कि सूर्य का महत्व इसकी अनुपस्थिति से ही होता है. बारिश के दिन जितने लंबे होते हैं सूर्य का उतना ही ज्यादा इंतजार होता है. लेकिन लगातार गर्मी पड़ने पर सूरज चुभने लगता है. अगर आप खुद को अनुपस्थित रखना सीख लेंगे तो लोगों में आप की मांग बढ़ जाएगी. सम्मान उत्त्पन्न करने के लिए दूरी बनाए. लगातार आसपास रहने से शोहरत कम होती है, दूर रहने से यह बढ़ती है. दूर रहने पर जिस व्यक्ति को शेर माना जाता है. सामने होने पर वही सामान्य और मूर्खतापूर्ण लगता है.

3.दूसरों को दुविधा में रखें, अनिश्चय का माहौल बनाए- इंसान आदतों के हिसाब से चलते हैं. लोगो के मन में इस बात की गहरी चाहत होती है कि दूसरों के काम उन्हें परिचित लगे. आपके रोजाना एक जैसा व्यवहार करने पर उन्हें यह एहसास होता है कि आप उनके नियंत्रण में है. पासों को पलट दे जानबूझकर अलग काम करें. ऐसा करने पर उनका संतुलन गड़बड़ा जाएगा और वह आपके कदमों का मतलब समझने की कोशिश में थक कर चूर हो जाएंगे. बहुत आगे तक ले जाने पर यह रणनीति आतंक उत्पन्न कर सकती है.

इस नियम को Author एक उदाहरण के द्वारा समझाते हैं. मशहूर पेंटर पाब्लो पिकासो ने कुछ समय तक अपनी पेंटिंग्स रोजैन वर्ग नाम के आर्ट  डीलर को बेंची. फिर 1 दिन बिना किसी कारण के पाब्लो पिकासो ने उससे कहा कि अब वह उसे अपनी कोई पेंटिंग नहीं बेचेंगे.

पाब्लो पिकासो ने इसके कारण को स्पष्ट करते हुए मन ही मन सोचा रोजैन वर्ग अगले 48 घंटों तक यह अनुमान लगाने की कोशिश करेगा कि ऐसा क्यों हुआ. कहीं ऐसा तो नहीं कि मैं अपनी पेंटिंग किसी दूसरे  डीलर को बेचना चाहता हूं. मैं अपना काम करता रहूंगा और चैन की नींद सोऊंगा. जबकि रोजैन वर्ग हर पल चिंता करता रहेगा और 2 दिन बाद वह मेरे पास परेशान हालत में आएगा और कहेगा देखो दोस्त मैं तुम्हें जितने पैसे देता हूं, अगर मैं तुम्हें उससे ज्यादा पैसे दूं तब तो तुम मुझे मना नहीं करोगे, है ना ? और ऐसा ही हुआ.  

अप्रत्याशित व्यवहार सिर्फ दहशत फैलाने का ही हथियार नहीं है. हर दिन व्यवहार के तरीकों को बदलने से आपके चारों तरफ उत्तल पुथल होगी और लोगों की रुचि जागृत होगी. लोग आपके बारे में बातें करेंगे, ऐसे उद्देश्य और स्पष्टीकरण सोचेंगे जिनका सच्चाई से कोई लेना-देना ही नहीं है. वे लगातार आपके बारे में ही सोचते रहेंगे. परिणाम यह होगा कि आप जितनी ज्यादा मूडी दिखेंगे आपको उतना ही ज्यादा सम्मान हासिल होगा.

उदाहरण के लिए हवा- जिसके बारे में पहले से अनुमान नहीं लगाया जा सकता. बैरोमीटर में अचानक परिवर्तन दिशा और वेग के अनसोचे परिवर्तन. जिससे कोई सुरक्षा नहीं की जा सकती. आंधी-तूफान से दहशत और दुविधा का माहौल बनता है.

इस नियम का यही सार है कि अपनी शक्ति को बनाए रखने के लिए कुछ ऐसा करे जोकि लोग आपके बारे मे कभी सोच भी नही सकते है. यदि आप ऐसा कुछ करते है तो लोग आपके अंदर रूचि लेते है और आपकी बात मानने पर मजबूर हो जाते है. 


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