Tuesday 19 May 2020

हर सफल आदमी इन नियमो को अपनाता है

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दोस्तों शक्ति के 48 नियम बुक से यह पाँचवा विडियो है इस विडियो मे यह जानेंगे की हम किन कारणों से अपनी जिन्दगी मे असफ़ल होते है और हमारी सफलता मे आने वाली रुकावटों को किस प्रकार दूर किया जा सकता है और ह्म यह भी सीखेंगे की इस दुनिया मे आपको किस प्रकार का व्यवहार अपनाना चाहिए ताकि लोग आपको शक्तिशाली समझे और आपका सम्मान करे.   

1.बहादुरी के साथ काम करने उतरे- अगर आपको किसी काम में सफलता मिलने का यकीन नहीं है तो उसे करने की कोशिश ना करें. आपकी शंका और हिचक इसकी सफलता में बाधा डालेगी. संकोच खतरनाक है बेहतर यह है कि बहादुरी से मैदान में उतरा जाए. साहसिक गलतियों को ज्यादा साहस दिखाकर सुधारा जा सकता है. हर व्यक्ति बहादुर व्यक्ति की प्रशंसा करता है कोई भी कायर का सम्मान नहीं करता है.

आपकी कमजोरियों को मापने के बारे में लोगों की छठी इंद्रिय होती है. अगर पहली मुलाकात में ही आप समझौता करने, पीछे हटने और भागने की इच्छा दिखाते हैं तो आप उन लोगों के अंदर छिपे शेर को भी बाहर निकाल देते हैं जो खून के प्यासे नहीं होते हैं. कमजोर से कमजोर आदमी भी आपके उपर हावी हो जाएगा. सब कुछ आपके व्यवहार पर निर्भर करता है. अगर एक बार आपकी ऐसी छवि बन गई कि आप तत्काल डर जाते हैं और समझौते में हर शर्त मान लेते हैं तो आपको बेरहमी से चारों तरफ से धकेला जाएगा. इसलिए हमेशा सबसे अच्छा यह होता है कि आप बहादुरी की छवि बना ले.
उधहारन के लिए शेर अपने काम में कोई चूक नहीं करता है. उसकी हरकतें बहुत तेज होती हैं. उसका जबड़ा बहुत शक्तिशाली होता है. कायर खरगोश खतरे से बचने के लिए चाहे कुछ भी कर ले लेकिन भागने की जल्दी में यह उसके जाल में फंस जाता है और अपने शत्रु के जबड़े में पहुंच जाता है.

AUTHOR कहते है कि मैं निश्चित रूप से सोचता हूं कि सावधान होने की बजाय साहसी होना बेहतर है क्योंकि तकदीर एक महिला है और अगर आप उसके स्वामी बनना चाहते हैं तो यह जरूरी है कि आप उसे शक्ति द्वारा जीते. साफ दिखता है कि तकदीर बहादुर लोगों के अधीन रहती है. जबकि कायर लोगों के पास भी नहीं फटकती है. इसलिए महिला की तरह तकदीर भी हमेशा युवाओं की चहिती होती है क्योंकि वे कम सावधान और ज्यादा उत्साहित होते हैं तथा वे ज्यादा साहस दिखाकर उसके स्वामी बन जाते हैं.

2.अंत तक पूरी योजना बनाएं- अंत ही सब कुछ है. काम को शुरू करने से अंत तक पहुंचने की पूरी योजना बनाएं. उन सभी संभावित परिणामों बाधाओं और किस्मत के उतार-चढ़ाव पर विचार करें, जो आपकी कड़ी मेहनत पर पानी फेर सकते हैं और उसका श्रेय दूसरों को दे सकते हैं. अंत तक की योजना बनाने से आप परिस्थितियों के शिकार नहीं होंगे और यह जान जाएंगे कि कब रुकना है. किस्मत को धीरे से राह दिखाएं और बहुत आगे तक विचार करके अपने भविष्य को तय करें. क्योंकि ज्यादातर लोग वर्तमान में कैद रहते हैं. इसलिए वे इस तरह की दूरदर्शिता पूर्ण योजना नहीं बना पाते. इसी कारण जब कोई तत्कालिक खतरों और आनंदो को नजरअंदाज करता है तो वह शक्तिशाली बन जाता है. घटनाएं होने पर प्रतिक्रिया करना स्वाभाविक मानवीय गुण है. घटनाओं को पहले से भांपकर योजना बनाना शक्ति की निशानी है. वर्तमान से आगे तक पहुंचकर बड़ी चीजों का अनुमान लगाना या कल्पना करना मानवीय नहीं, देवी काम लगता है.

लोगों की गलतियों का सबसे आम कारण यह होता है कि वे वर्तमान के खतरों से बहुत ज्यादा डरते हैं और दूर के खतरों से जरा भी नहीं डरते हैं जो खतरे दूर होते हैं या दूर दिखते हैं अगर हम उन्हें पहले से ही भाप लें तो हम बहुत सारी गलतियों से बच सकते हैं. अगर हमें यह एहसास हो जाए कि हम एक छोटे खतरे से बचकर एक बड़े खतरे की तरफ जा रहे हैं तो हम अपनी योजना को तत्काल बदल सकते हैं. शक्ति की अवधारणा में सिर्फ यही शामिल नहीं है कि आप क्या करते हैं बल्कि यह भी शामिल है कि आप क्या नहीं करते हैं. जल्दबाजी और मूर्खतापूर्ण कामों से बचना बहुत महत्वपूर्ण होता है, जिनके कारण आप मुश्किल में फंस सकते हैं. काम करने से पहले विस्तार से योजना बना लें. अस्पष्ट योजनाओं के कारण मुश्किल में ना फंसे.

यहां पर Author एक कहानी के द्वारा अपनी बात को समझाते हैं. एक बार दो मेंढक एक ही पोखर में रहते थे. पोखर गर्मी के कारण सूख गया इसलिए वे उसमें से निकलकर दूसरे ठिकाने की तलाश में चल पड़े. वे एक गहरे कुएं के पास से गुजरे जहां काफी पानी था. यह देखकर एक मेंढक दूसरे से बोला हम कूदकर इस कुएं में रहने लगते हैं इससे हमें आश्रर्य और भोजन मिलेगा. दूसरे ने सावधानी से जवाब दिया लेकिन मान लो इसका पानी सूख गया तो क्या होगा ? हम इतने गहरे कुएं से बाहर कैसे निकल पाएंगे. इसलिए परिणामों के बारे में सोचे बिना कुछ भी ना करें.

3.अपनी उपलब्धियों को आसान दिखाएं- आपके काम सहज नजर आने चाहिए. जैसे आपने उन्हें आसानी से कर दिया हो. आपके काम में जितनी मेहनत कोशिश और चतुर चाले लगी हैं उन्हें छिपाया जाना चाहिए. जब दुसरो को ऐसा लगता है कि आपने बिना खास कोशिश के काम कर दिया है तो लोगो के दिमाग मे यह छवि बनती है कि आप अगर कोशिश करें तो बहुत ज्यादा काम कर सकते हैं.
आप कितनी कड़ी मेहनत करते हैं यह बताने के प्रलोभन से बचें. क्योंकि इससे सिर्फ सवाल उठते हैं. किसी को भी अपनी चाले न सिखाएं. वरना उनका प्रयोग आपके ही के खिलाफ किया जाएगा. हम सब में अपना गुणगान करने की प्रवृत्ति होती है. हम सभी दुनिया को बताना चाहते हैं कि हमने क्या किया है. हम सब अपनी मेहनत और चतुराई की तारीफ सुनकर अपने गर्व को संतुष्ट करना चाहते हैं. हम उस मेहनत के लिए भी सहानुभूति पाना चाहते हैं जो हमें अपनी कला के चरम बिंदु तक पहुंचने में लगी. अपने रहस्य उजागर करने की इस आदत पर काबू रखें. क्योंकि इसका प्रभाव अक्सर आपकी आशा के विपरीत होता है. 

याद रखें आपके काम जितने रहस्य में होंगे लोग उतना ही ज्यादा सम्मान करेंगे. ऐसा नजर आएगा जैसे आप ही वह काम कर सकते थे और किसी अनूठी प्रतिभा का धनी दिखना बहुत शक्तिशाली होता है. क्योंकि आपने सहजता और आसानी से उपलब्धि हासिल की है इसलिए लोगों को यह विश्वास होता है कि अगर आप ज्यादा मेहनत करते तो आप ज्यादा सफलता हासिल कर सकते थे. इससे ना सिर्फ प्रशंसा मिलती है बल्कि दुसरो के अंदर एक तरह का डर पैदा होता है कि आपकी शक्तियों का पूरी तरह इस्तेमाल नहीं हुआ है. इससे किसी को भी आपकी शक्ति की सीमाओं का पूरी तरह अंदाजा नहीं होता है.

उदाहरण के लिए अगर हम रेसहॉर्स मे करीब खड़े हो तो हम घोड़ों को नियंत्रित करने का तनाव और प्रयास देख सकते हैं. हम उनकी उखड़ी हुई सांसे और दर्द भरी कराहे सुन सकते हैं. लेकिन दूर से देखने पर हमें सब कुछ बहुत सुंदर नजर आता है और ऐसा लगता है, जैसे घोड़े हवा में उड़ रहे हो. इसी प्रकार अगर आप दूसरों को दूरी पर रखेंगे तो वे सिर्फ यही देख पाएंगे कि आप कितनी आसानी से आगे बढ़ते हैं और दूसरो को आप शक्तिशाली नज़र आएंगे.  

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