बैंक में पैसे को फिक्स्ड डिपाजिट करवाने जा रहे हैं तो यह बातें जान ले, वरना पछताएंगे
दोस्तों हम सभी लोग बैंक में अपने पैसे इसलिए रखते हैं. ताकि हमें उस पर ब्याज मिलता रहे और हमारे पैसे सुरक्षित भी रहे. हम अपने पैसे को फिक्स डिपॉजिट मे इसलिए रखते हैं. ताकि हमें अपने पैसे पर अच्छा अमाउंट प्राप्त हो सके. लेकिन यदि फिक्स्ड अमाउंट की अवधि पूरा होने पर हमारे पैसे कम मिले तो बहुत दुःख होता है. आज हम आपको इस पोस्ट में यह बताएंगे कि आपको फिक्स डिपॉजिट करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है. यदि आप इन बातों का ध्यान नहीं रखते हैं तो आपको भविष्य में नुकसान उठाना पड़ सकता है.दोस्तो आप जब भी बैंक में अपने पैसे को फिक्स कराने जाए तो सबसे पहले बैंक का इंटरेस्ट रेट पता करें. सभी बैंकों का अलग अलग इंटरेस्ट रेट होता है. यदि आप पोस्ट ऑफिस के अंदर जमा करते है तो वहां पर आपको सबसे अधिक इंटरेस्ट प्राप्त होता है. सभी बैंकों का एक नियम होता है यदि आपके फिक्स्ड डिपॉजिट अमाउंट पर इंटरेस्ट 10000 रूपए तक होता है तो बैंक आपसे कोई भी एक्स्ट्रा चार्ज नहीं करते हैं. लेकिन यदि आपके फिक्स डिपॉजिट अमाउंट पर 10000 रूपए से अधिक का इंटरेस्ट हो जाता है तो बैंक के द्वारा आपका टीडीएस काटा लिया जाता है. इसलिए जब भी बैंक में फिक्स डिपॉजिट कराने जाएं तो अपने पैसे को इस हिसाब से डिपॉजिट करें कि आपका इंटरेस्ट 10000 से अधिक ना हो सके. हो सके तो आप पैसे को अपने अलग-अलग अकाउंट में जमा करा दे. यदि आपके घर में आपकी बीवी अथवा बच्चों के खाते हैं तो आप उनके नाम से फिक्स्ड डिपाजिट करवाएं. एक जगह इकट्ठा पैसा जमा करवाने से आपका टीडीएस काट दिया जाएगा. उसके बाद आपको इनकम टैक्स रिटर्न भरनी पड़ेगी. उसमें आपको टीडीएस क्लेम करना होगा. उसके बाद आपके खाते में रिफंड आएगा. इस सारी प्रोसेस में आपको काफी समय लग जाता है. इसलिए यदि आपके पास ज्यादा रकम है तो उस पैसे को टुकड़ों में अलग-अलग खातों मे जमा करवाएं. दूसरा तरीका यह भी है कि यदि आपकी इनकम टैक्सेबल रेंज के अंदर नहीं आती हैं तो फॉर्म 15 जमा करवा दें. फॉर्म 15 जमा करवाने से भी आप टीडीएस कटवाने से बच सकते हैं.
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