भारतीय चार साल और जियेंगे अगर हवा साफ हो जाये
दोस्तों आज जिस प्रकार भारत के अंदर प्रदूषण बढ़ रहा है. इससे पता चलता है कि आने वाले कुछ सालों में इंसान की जिंदगी सीमित हो जाएगी. भारत में बढ़ती हुई जनसंख्या और प्रदूषण के कारण लोगों का सांस लेना भी मुश्किल होता जा रहा है. भारत में लगभग 60 प्रतिशत लोग कैंसर,दमा और टीवी जैसे रोगों से पीड़ित हैं. आज से कुछ साल पहले वायुमंडल में इतना प्रदूषण नहीं था. यदि हमें जमीन से पानी निकाल कर पीना होता था तो भी हम आसानी से नल या कुए के द्वारा पानी पी सकते थे .हमारे पूर्वजों ने अपने समय में नलों और कुओं के द्वारा पानी पीकर जीवन बिताया है. लेकिन आज की युवा पीढ़ी को नल और कुँए देखने को भी नहीं मिल रहे हैं. क्योंकि जमीन के अंदर पानी का धरातल बिल्कुल प्रदूषित हो चुका है. हमारे पूर्वजों ने अपने समय शुद्ध जल को कुओ और नलों मे देखा था और आज हम लोग शुद्ध जल को पानी की बोतलो मे देख रहे हैं. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि मानव ने प्रकृति के साथ छेड़छाड़ की है. प्रत्येक इंसान शुद्ध ऑक्सीजन तो लेना चाहता है. लेकिन एक भी पेड़ नहीं लगाना चाहता है. यदि प्रति व्यक्ति एक पेड़ भी रोजाना लगाए तो भारत में प्रदूषण की मात्रा बहुत कम हो सकती है.
आज वायुमंडल की स्थिति इतनी भयानक है कि हमें शुद्ध पानी भी नसीब नहीं हो रहा है. अगर इसी प्रकार से वायुमंडल प्रदूषित होता रहा तो एक समय ऐसा आएगा जब हमें शुद्ध वायु में साँस लेने के लिए ऑक्सीजन के सिलेंडर भी खरीदने होंगे. पुराने समय में किसी ने यह सोचा भी नहीं था कि शुद्ध जल पीने के लिए खरीदना भी पड़ेगा. लेकिन आज हम मिनरल वाटर खरीद कर पी रहे हैं. इसी प्रकार आज हम यह कल्पना भी नहीं कर रहे कि हमें भविष्य में शुद्ध वायु के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने होंगे.लेकिन जिस प्रकार आज वायुमंडल की दशा बिगड़ रही है. वो दिन भी बहुत जल्दी ही हमारे सामने आ जाएगा. इसलिए आप सभी से विनती है कि अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाएं. यदि हर घर के अंदर एक पेड़ भी हो तो वायुमंडल से प्रदूषण काफी हद तक कम किया जा सकता है.
दोस्तों आप सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं. आप से विनती है कि अपने घर में कम से कम एक पेड़ जरूर लगाएं.
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