why yudhisthira curse kunti |
आखिर क्यों स्त्रियाँ किसी भी भेद को छुपाकर नहीं रख पाती है
आप सभी ने महाभारत देखी होगी. महाभारत के अंदर कौरव पांडवों का भीषण युद्ध हुआ था. इस युद्ध में पांडवों ने कौरवों को समाप्त करके हस्तिनापुर पर अपना अधिकार स्थापित किया था. इस भीषण संग्राम में सभी कौरवों के साथ एक पांडव की मृत्यु हुई थी.यह बात सुनकर आपको थोड़ी हैरानी होगी लेकिन यह सत्य है कि महाभारत के युद्ध में कौरवों की तरफ से एक पांडव भी लड़ रहा था. उस पांडव का नाम कर्ण था.वास्तव में कर्ण कुंती का पुत्र था. जो कि कुंती को एक वरदान स्वरुप प्राप्त हुआ था. लेकिन उस समय कुंती एक कुंवारी लड़की थी. इसलिए मजबूरन उसे अपने पुत्र को नदी में बहाना पड़ा. वह पुत्र बड़ा होकर कर्ण के नाम से प्रसिद्ध हुआ. इस बात का पता कुंती को बाद में चल गया था कि कर्ण ही उसका वह पुत्र है. जिस को उसने नदी में बहा दिया था. जिस समय महाभारत का युद्ध हो रहा था. कर्ण कौरवों की तरफ से युद्ध कर रहा था. सभी पांडव कर्ण को अपना घोर शत्रु मानते थे. इसी क्रोध में आकर उन्होंने अर्जुन को कर्ण के साथ युद्ध करने के लिए कहा जिस में कर्ण की मृत्यु हो गई.
महाभारत का युद्ध समाप्त होने के बाद कुंती ने अपने पुत्र युधिष्ठर को यह बात बताई कि कर्ण उनका बड़ा भाई था. यह बात सुनकर युधिष्ठर को बहुत गहरा सदमा पहुंचा. यदि कुंती युद्ध से पहले यह बात पांडवों को बता देती तो शायद कर्ण की मृत्यु होने से बच जाती. लेकिन कुंती ने यह रहस्य सभी पांडवों से छुपा कर रखा. इसी बात से क्रोधित होकर युधिष्ठर ने अपनी माता कुंती के सामने संपूर्ण नारी जाति को यह श्राप दिया कि कोई भी औरत किसी भी रहस्य को छुपाकर नहीं रख सकेगी. इसलिए आज भी जब कभी हम किसी स्त्री के सामने कोई रहस्य प्रकट करते हैं तो वह उस बात को छुपा कर नहीं रख पाती और किसी दूसरे को जरूर बता देती है.युधिष्टर का दिया हुआ श्राप आज तक संपूर्ण नारी जाति भुगत रही है.
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