Tuesday 12 May 2020

विकल्प की इस तकनीक से विरोधियो से मनचाहा काम कराये


दोस्तों इस पोस्ट में हम यह जानेंगे कि किस प्रकार से हम लोगों को आप्शन देकर अपना काम बड़ी आसानी से करवा सकते हैं. ऑथर रॉबर्ट ग्रीन बताते हैं कि जब हम किसी व्यक्ति को किसी भी काम के दो विकल्प देते हैं तो उसे ऐसा लगता है कि नियंत्रण उसके हाथ में हैं. जबकि वे दरअसल आपके हाथों की कठपुतली होता है. उन्हें उस समय ऐसा लगता है कि आप उनकी सलाह के बिना कुछ भी नही कर सकते है यदि वे आपको सलाह नही देंगे तो आप काम को पूरा ही नही कर पाएंगे. लेकिन जाने अनजाने वे आपके उद्धेश्यो की ही पूर्ति कर रहे होते है.

लेकिन दूसरो को विकल्प देते समय आपको कुछ सावधानी बरतने की जरूरत होती है. लोगों को ऐसे विकल्प दें ताकि उनके द्वारा कोई सा भी विकल्प चुनने पर आपको लाभ हो. उन्हें दो बुराइयों में से कम बुरी बात को चुनने के लिए विवश करें, जबकि दोनों ही बातें आपके उद्देश्य को पूरा करें. उन्हें दुविधा के सिंगो पर बैठा दे, जिधर मुड़े उन्हें घायल होना ही है. लेकिन किसी को धोखा देते समय आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप उसे बहुत ही सीमित विकल्प दे.

शक्ति के 48 नियम बुक मे ऑथर रॉबर्ट ग्रीन एक उदाहरण के द्वारा समझाते हैं कि इस तकनीक के प्रयोग से रूस के राज्य मंत्री हेनरी किसिंजर राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन से अपने सभी काम निकलवाते थे.  हेनरी किसिंजर खुद को अपने बॉस से ज्यादा जानकार मानते थे. लेकिन वे जानते थे कि अगर उन्होंने अपनी मर्जी से नीति तय करने की कोशिश की तो इससे निक्सन को गुस्सा आ जाएगा जो बहुत ही खतरनाक व्यक्ति के रूप में मशहूर थे. इसलिए किसिंजर हर परिस्थिति के लिए तीन चार विकल्प कार्य सुझाते थे और उन्हें इस तरह से प्रस्तुत करते थे ताकि वही विकल्प सबसे अच्छा नजर आए जो वे उनसे करवाना चाहते थे. हर बार राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन किसिंजर के जाल मे फंस जाते थे. लेकिन उन्हें कभी शक भी नहीं हुआ कि वे उसी दिशा में जा रहे हैं जिस दिशा में किसिंजर उन्हें ले जा रहे हैं.

हमेशा विरोध करने वाले को अपनी इच्छा पर चलने के लिए मजबूर कर दें यह एक बहुत अच्छी तकनीक है. इसका इस्तेमाल बच्चों और दूसरे लोगों पर किया जा सकता है. जो हमेशा आपकी कही बातों के विपरीत चलने में आनंद का अनुभव करते हैं. आप उनसे जो करवाना चाहते हैं उसके विपरीत बात कहें. अपनी आदत के मुताबिक वे उल्टा काम करेंगे. इस तरह वे वही काम करेंगे जो आप उनसे करवाना चाहते हैं.

एक अन्य उदाहरण में ऑथर बताते हैं कि जेपी मॉर्गन नामक व्यक्ति ने एक बार अपने एक परिचित जौहरी से कहा कि वह मोती की स्कार्फ पिन खरीदना चाहते हैं. कुछ सप्ताह बाद जोहरी को एक शानदार मोती मिल गया. उसने इसे जड़वाकर मार्गन के पास भेज दिया. साथ मे उसने 5000 डॉलर का बिल भी भेज दिया. अगले दिन उसका पैकेट वापस लौट आया.

मार्गन ने उसके साथ एक चिट्ठी भी भेजी थी जिसमें यह लिखा था मुझे पिन पसंद है. लेकिन मुझे इसकी कीमत पसंद नहीं है. अगर आप इस चिट्ठी के साथ लगे 4000 डॉलर के चेक को स्वीकार कर ले तो कृपया बॉक्स की सील खोले बिना उसे वापस भेज दें. जौहरी गुस्से में आ गया और उसने चेक लेने से इंकार कर दिया और गुस्से में संदेशवाहक को वहां से भगा दिया. अब उसने बक्से को खोला ताकि उसमें से पिन निकाल ले लेकिन उसने देखा कि पिन वहां नहीं है और उसकी जगह पर 5000 डॉलर का चेक रखा हुआ है.

इस प्रकार जेपी मॉर्गन ने जोहरी को दो ऑप्शन दिए. दोनों ही ऑप्शन मॉर्गन के पक्ष में थे. यदि जौहरी बॉक्स को बिना खोले ही वापिस लौटा देता तो मार्गन को 5000 डॉलर का पिन 4000 डॉलर मे ही मिल जाता. लेकिन जौहरी ने बॉक्स को वापिस नही भेजा तो इसलिए जौहरी को बॉक्स मे 5000 डॉलर का चेक मिल गया. दोस्तों इस प्रकार चालाक लोग दूसरों को ऑप्शन देकर अपना फायदा करते हैं.

क्योंकि जब आप सामने वाले की बात सीधा सीधा मानने की बजाए उन्हें आप्शन देते है तो उन्हें मजबूरी मे किसी एक आप्शन को चुनना होता है और यदि आप सामने वाले को आप्शन देने मे थोड़ी समझदारी से काम लेते है तो जाहिर है कि आप न सिर्फ उससे अपना काम करवा सकते है बल्कि आप अच्छा खासा लाभ भी कमा सकते है.

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