फ़िक्स्ड डिपॉज़िट कराते समय इन बातों का ध्यान रखे II fixed deposit instructions
दोस्तों भारत में फ़िक्स्ड डिपॉज़िट एक सुरक्षित निवेश माना जाता है। इसलिए हम सभी लोग बैंक में फिक्स डिपॉजिट करते हैं। लेकिन यदि आप बैंक में फिक्स डिपॉजिट कराने जा रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। यदि आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो ना सिर्फ आप अपने फ़िक्स्ड डिपॉज़िट अमाउंट पर अधिक व्याज पा सकते हैं, बल्कि नुकसान से भी बच सकते हैं तो आइए जानते हैं वह कौन सी बातें हैं जो आपको फ़िक्स्ड डिपॉज़िट कराते समय ध्यान रखनी आवश्यक होती हैं।
1 1.फ़िक्स्ड डिपॉज़िट कराने वाली अवधि मे 1 दिन का हेरफेर होना – आप जब भी आप फ़िक्स्ड डिपॉजिट कराने जाते हैं तो
वहां पर आपको अलग-अलग अवधि पर अलग-अलग दर से ब्याज दिया जाता है। यदि आप 6 महीने के लिए फ़िक्स्ड
डिपॉज़िट कराते हैं तो उस पर आपको अलग दर से ब्याज मिलता है और यदि आप
1 साल के लिए फ़िक्स्ड डिपॉज़िट कराते हैं तो आपको उस पर अलग रेट ऑफ इंटरेस्ट मिलता है और यदि आप 2
साल के लिए कराते हैं तो उस पर आपको अलग रेट ऑफ इंटरेस्ट
मिलता है। इसलिए जब भी फ़िक्स्ड डिपॉज़िट कराये तो सबसे पहले यह देखें कि कौन से समय के अंदर कौन सी ब्याज दर आपके लिए उपयुक्त होगी। क्योंकि मात्र 1 दिन की हेरफेर से भी
आपको ब्याज में कमी हो सकती हैं।
इसमे एक बात और विशेष ध्यान देने योग्य है
कि यदि आप सीनियर सिटीजन के नाम से फ़िक्स्ड
डिपॉज़िट कराते है तो उसमे ब्याज दर अधिक दी जाती है।
2 2. निश्चित ब्याज दर- फ़िक्स्ड डिपॉजिट में आपको एक निश्चित ब्याज दर दी जाती है। आप जिस समय बैंक में फ़िक्स्ड
डिपॉज़िट कराते हैं। उस समय पर मिलने वाली
ब्याज़ दर आपके फ़िक्स्ड डिपाजिट अमाउंट पर तय कर दी जाती है और वही ब्याज़ दर आपके फ़िक्स्ड डिपॉज़िट की समय अवधि के पूरा होने के अंत समय तक मिलती है। बाद मे यदि आरबीआई अपनी फ़िक्स्ड डिपॉज़िट की ब्याज दर में कोई बदलाव करता है तो आपके फ़िक्स्ड
डिपॉज़िट अमाउंट पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।
3 3. ब्याज़ की राशि मंथली और वार्षिक ले
सकते है- फ़िक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाला
ब्याज की राशि आप अपनी सुविधानुसार चाहे तो मंथली और वार्षिक भी ले सकते है। लेकिन यहा पर
मै आपको यह सुझाव दूँगा कि यदि आप ब्याज कि राशि साल के अंत मे लेते है तो आपको
ब्याज की राशि कुछ अधिक मिलती है।
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4. नॉमिनी निर्धारित करे
– फ़िक्स्ड डिपाजिट कराते समय आपको नॉमिनी का नाम जरूर
निर्धारित कर देना चाहिए। क्योंकि यदि आपको कुछ हो
जाता है तो नॉमिनी को सारा पैसा मिल जाता है।
5 5. फ़िक्स्ड डिपॉज़िट की तय समयअवधि मे ही पैसा ले- यदि आप फ़िक्स्ड डिपॉज़िट की निर्धारित समय अवधि से पहले पैसे निकलवाते है तो आपको 0.5% से लेकर 1% तक की पेनल्टी लग सकती है। इसलिए
हो सके तो फिक्स डिपोजिट की समय सीमा पूरी होने पर ही अपने पैसे को निकलवाए। इससे
आपको उस पर पूरा ब्याज मिलेगा।
लेकिन यदि किसी कारणवश आपको बीच में पैसों की जरूरत है तो आप फ़िक्स्ड
डिपॉज़िट पर लोन भी ले सकते हैं। अब एसबीआई के द्वारा फ़िक्स्ड
डिपॉज़िट पर 90% तक लोन की सुविधा भी दी जा रही है।
6 6. फ़िक्स्ड डिपॉज़िट पर मिलने वाले ब्याज़ की राशि को ध्यान मे
रखे- आपको फ़िक्स्ड डिपॉज़िट कराते समय एक बात ध्यान पर विशेष
ध्यान है कि यदि आपके द्वारा कराये गए फ़िक्स्ड डिपॉजिट अमाउंट पर एक साल में 40000
रुपये या इससे अधिक ब्याज बनता है तो बैंक उस राशि से 10% टीडीएस काट कर आपको
पेमेंट करता है।
उद्धहाराण के लिए यदि आपने बैंक मे 600000 रुपए 7% की ब्याज़
दर से एक साल के जमा कराते है तो बैंक के द्वारा आपको करीब 42000 रुपये
का ब्याज़ दिया जाता है। लेकिन यह ब्याज़ 40000 रुपये से अधिक है, इसलिए बैंक इसमे से 10% टीडीएस यानिकी 4200 रुपये काट कर आपको पेमेंट
करता है। यदि आप इस टीडीएस से बचना चाहते हैं तो आपको बैंक में फॉर्म 15 भर कर देना होता है। जिसका सीधा सा मतलब यह होता है कि आपकी इनकम अभी टैक्सेबल रेंज मे नहीं आती हैं। इसलिए आपका टीडीएस ना
काटा जाए। लेकिन किसी कारणवश यदि आप फॉर्म 15 नहीं भर पाते हैं और आपका टीडीएस काट लिया जाता है तो आपको घबराने की जरूरत नही है।
आप इनकम टैक्स रिटर्न में इस टीडीएस की जानकारी भरकर दे सकते हैं। जब आप इनकम टैक्स
रिटर्न मे इस टीडीएस की जानकारी भरकर देते है तो यह सारा टीडीएस रिफंड के जरिए आपके बैंक खाते मे क्रेडिट कर दिया जाता है। लेकिन यदि एक बार आपका टीडीएस कट जाता है तो आपको आप इनकम टैक्स रिटर्न की प्रोसेस से गुजरना बहुत आवश्यक होता है। बिना इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल
किए आप टीडीएस वापिस नहीं ले सकते हैं।
इसलिए आपके लिए बेहतर होगा
कि आप पहले ही फॉर्म 15 भरकर बैंक में सबमिट कर दें। या हो सके तो फिक्स डिपाजिट कराते समय अपनी राशि को इस प्रकार
मेनेज करे कि आपको मिलने वाला ब्याज की राशि एक साल मे 40000 रुपये से अधिक न हो।
7 7. एक से अधिक फ़िक्स्ड डिपॉज़िट रखे- फ़िक्स्ड डिपॉज़िट कराते समय
किसी एक फ़िक्स्ड डिपॉज़िट अकाउंट मे अधिक पैसे रखने के बजाए साथ मे एक कम राशि वाला
फ़िक्स्ड डिपॉज़िट भी जरूर करवा ले।
क्योंकि यदि आपको बीच में पैसे की जरूरत पड़ती है तो आप कम पैसों वाले फ़िक्स्ड डिपॉजिट में से पैसे निकलवा सके। जिससे आपको कम पैनल्टी भरनी पड़े। लेकिन यदि आप सारा पैसा
किसी एक ही फ़िक्स्ड डिपॉज़िट मे डाल देते हैं और समय अवधि पूरा
होने से पहले पैसे निकलवा हैं तो आपको
भारी पेनल्टी भरनी पड़ सकती है।
8 8.100000 रूपये का
रिस्क कवर- यदि आप बैंक में फिक्स डिपॉजिट करवाते हैं तो यह बात ध्यान रखें कि आरबीआई ने अपनी गाइडलाइंस में
जारी किया हुआ है कि यदि किसी कारणवश बैंक दिवालिया हो जाता है तो बैंक में जमा
राशि पर केवल 100000 रूपये तक का ही क्लैम मिलेगा। बैंक में आपका पैसा 100000
से जितना भी अधिक हो आप उस सारे पैसे को बैंक से नही ले सकते
हो।
9 9. पोस्ट ऑफिस रिस्क कवर - आप पोस्ट ऑफिस में जितना भी फ़िक्स्ड डिपॉज़िट करवाये वहां पर आपको पूरा क्लेम मिलेगा। पोस्ट ऑफिस मे बैंक की तरह 100000 रूपये तक की कोई लिमिट नहीं रखी गई है।
फ़िक्स्ड डिपॉज़िट के नुकसान और नुकसान से बचने के उपाय -
दोस्तों आप जब भी फ़िक्स्ड डिपॉज़िट करवाते हैं तो आपका पैसा एक निश्चित समय के लिए लॉक हो जाता है। किसी कारणवश यदि बीच मे समय सीमा से पहले आप पैसे को निकलवाते हैं तो आपको पेनल्टी भरनी पड़ती है और यदि हम पेनल्टी से बचने के लिए फ़िक्स्ड डिपॉज़िट अमाउंट पर लोन लेते है तो वहां पर भी हमे लोन पर कुछ पैसा लोन इंटरेस्ट के रूपये मे बैंक को देना होता है।
इसलिए मैं आपको एक सुझाव देना चाहता हूं कि आप फिक्स डिपाजिट की बजाए अपने सेविंग खाते में फ्लेक्सी फिक्स्ड डिपॉजिट की सर्विस एक्टिवेट करवाये। इस सर्विस के अंदर आपके द्वारा निर्धारित पैसा ही सेविंग अकाउंट में रहता है। यदि आप उस निर्धारित सीमा से अधिक पैसे सैविंग खाते में डालते हैं तो वह पैसे ऑटोमैटिक फ़िक्स्ड डिपॉज़िट में चले जाते हैं और उस पर आपको फ़िक्स्ड डिपॉज़िट के हिसाब से ब्याज मिलने लगता है और आप जब चाहे इस सारे पैसे को एटीएम या बैंक जाकर बिना किसी पेनाल्टी के निकलवा सकते है।
उदाहरण के लिए यदि आपने FLEXI FIXED DEPOSIT सर्विस के जरिये सैविंग
खाते मे 50000 रुपये की लिमिट रखी हुई है और अब यदि आप 60,000 रुपये खाते में डालते हैं तो 10000
रुपये आपके फ़िक्स्ड डिपॉज़िट में चले जाते हैं और 10000 रुपयो पर आपको फ़िक्स्ड डिपॉजिट के इन्टरेस्ट रेट से ब्याज मिलने
लगता है।
इस सर्विस का सबसे अच्छा फायदा यही है कि आपका पैसा किसी निश्चित समय के लिए
लॉक नही होता है। आप जब चाहे अपनी सुविधानुसार इसे निकाल सकते है। पैसे निकालते
समय आपको कोई एक्सट्रा चार्ज भी नही देना होता है।
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