जानिए अमृतसर हादसे मे ट्रेन चला रहे ड्राइवर ने आखिर क्यों नहीं रोकी ट्रेन
अमृतसर में
दशहरे के दिन रेलवे ट्रैक पर करीब 61 लोग मारे गए और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए. दशहरा के दिन लोग रावण दहन को
रेलवे ट्रैक पर खड़े हो कर देख रहे थे. उसी दौरान तेज रफ्तार से आती हुई ट्रेन ने
लोगों को अपनी चपेट में ले लिया. इतनी जबरदस्त भीड़ होने के बावजूद भी ट्रेन ने
लोगों को अपना शिकार बना लिया. जब इस बात की पूछताछ की गई तो ड्राइवर ने इस बात का
खुलासा किया कि आखिर उसने रेलवे ट्रैक पर इतनी स्पीड से चलती हुई ट्रेन को क्यों
नहीं रोका.
ड्राइवर ने बताया कि वह रेलवे ट्रैक पर 90 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से ट्रेन चला रहा था. उसको इस
बात के लिए किसी ने सूचित नहीं किया था कि रेलवे ट्रैक पर इतने लोग जमा हुए हैं.
उसे रेलवे ट्रैक पर ग्रीन सिग्नल मिल रहा था. जिससे उसे इस बात का बिल्कुल भी
अंदेशा नहीं था कि ट्रेन को रेलवे ट्रैक पर रोकना पड़ेगा. जैसे ही उसने रेलवे
ट्रैक पर भीड़ को देखा उसने ट्रेन की गति को कम भी कर लिया. क्योंकि गाड़ी 90
किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आ रही थी. यदि वह एकदम
ब्रेक लगाता तो ट्रेन में बैठे यात्रियों की जान को नुकसान हो सकता है. जब उसने
गाड़ी के ब्रेक लगाकर स्पीड को थोड़ा धीरे किया तो गाड़ी की स्पीड 90
किलोमीटर से घटकर 70 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई. गाड़ी को रोकने के लिए करीब 900
मीटर से अधिक की दूरी पर ब्रेक लगाकर स्पीड कम की जाती है.
क्योंकि ट्रेक घुमावदार स्थान पर था. इसलिए ड्राइवर को बिल्कुल भी भीड़ दिखाई नहीं
दी थी .
जब उसने गाड़ी की स्पीड को कम किया तो लोगों ने गाड़ी पर पथराव करना चालू
कर दिया. यदि ऐसी अवस्था में वह गाड़ी को वहा पर पूरी तरह से रोक देता तो ट्रेन के
अंदर बैठे यात्रियों को नुकसान पहुंच सकता था. रेलवे के कई डिब्बे उथल-पुथल हो
सकते थे. भीड़ का गुस्सा इतना भयानक था कि ड्राईवर के साथ यात्रियों को भी अपनी
जान से हाथ धोना पड़ सकता था. यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसने
गाड़ी को नहीं रोका. लेकिन दुर्घटना होने के पश्चात ही ड्राइवर ने तुरंत रेलवे
मास्टर को इस बात की सूचना दे दी थी कि गाड़ी से इस प्रकार का हादसा हो गया है.
इस बारे में
आपकी क्या राय है ड्राइवर की गलती है अथवा नहीं. कमेंट करके जरूर बताएं.
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