Tuesday, 3 July 2018

जानिए रामायण में माता सीता की अग्नि परीक्षा के पीछे क्या रहस्य था

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जानिए रामायण में माता सीता की अग्नि परीक्षा के पीछे क्या रहस्य था

आप सभी ने रामायण में भगवान राम और सीता की महानता के बारे में देखा है. उन्होंने अपने माता पिता की आज्ञा का पालन करने के लिए 14 वर्षों का बनवास झेला था. बनवास के दौरान रावण सीता को हर कर ले गया था. वास्तव में रावण के द्वारा सीता को उठाना असंभव था. क्योंकि माता सीता लक्ष्मी का अवतार थी. यदि रावण सीता को छूने की कोशिश भी करता तो जलकर राख हो जाता.यह सब लीला भगवान राम ने रावण को मारने के लिए की थी. जिस समय रावण पंचवटी में आने वाला था भगवान राम को पहले ही इस बात का पता था. उन्होंने उस समय अग्नि देव का आह्वान किया और माता सीता को अग्नि देव को सौंप दिया. उसके बाद उन्होंने सीता की छाया को प्रकट किया.फिर बाद में वह हिरण का शिकार करने चले गए.

जब रावण पंचवटी में आया तो वह अपने साथ सीता की छाया को ले गया. रावण यह सोच रहा था कि उसने वास्तविक सीता का हरण किया हुआ है. उसके बाद भगवान राम ने लंका पर चढ़ाई करके रावण और उसके पूरे कुल का विनाश कर दिया. जब माता सीता को अशोक वाटिका से बुलाया गया. उस समय उन्होंने सीता की छाया को अग्नि में जाने के लिए कहा लोगों के लिए यह सीता की अग्नि परीक्षा थी. वास्तव में भगवान राम की लीला थी. उन्हें सीता की अग्नि परीक्षा की कोई आवश्यकता नहीं थी. क्योंकि वह तो स्वयं दिव्य दृष्टि से सब कुछ देख लेते थे. उन्होंने सीता की छाया को अग्नि में जाने के लिए कहा और वास्तविक सीता को अग्नि देव से वापस ले लिया. तो इस प्रकार से अग्नि परीक्षा के बहाने उन्होंने वास्तविक सीता को अग्नि देव से प्राप्त किया.

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