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RAMAYANA |
जानिए रामायण में रावण के बेटे मेघनाथ का नाम मेघनाथ कैसे पड़ा
रावण का बेटा मेघनाथ बड़ा पराक्रमी था. उसने कड़ी तपस्या करके भगवान शंकर से शक्तियां प्राप्त की थी. इन्हीं शक्तियों के बल पर वह अजय हो गया था. जिस समय लक्ष्मण के साथ मेघनाथ का युद्ध हुआ उसने दो बार लक्ष्मण को अचेत कर दिया था. मेघनाथ बचपन से ही बहुत शक्तिशाली था. आइए जानते हैं कि मेघनाथ का यह नाम कैसे पड़ा. जिस समय मेघनाथ का जन्म हुआ था. यह दिखने में बहुत आलोकिक था.इसके मुख पर तेज था. यह सामान्य बच्चों से बिल्कुल अलग था. जब यह रोता था तो इसकी आवाज इतनी तीव्र होती थी कि महल के कोने-कोने मे सुनाई देती थी. जिस प्रकार वर्षा के आने पर मेघ गरजते हैं और उसकी गूंज से पूरी धरती हिलती है.उसी गर्ज के समान इसकी तीव्र आवाज होने के कारण रावण ने इसका नाम मेघनाथ रखा.मेघनाथ को बादलों में छुप कर युद्ध करने की कला का ज्ञान था. भगवान शंकर से उसे ऐसा वरदान मिला हुआ था जिससे वह अद्रशय होकर किसी से भी युद्ध कर सकता था. यदि मेघनाथ धर्म के रास्ते पर चलता तो उसको संसार में कोई भी पराजित नहीं कर सकता था. रावण की भूल के कारण मेघनाथ को युद्ध की बलि चढ़ना पड़ा था.
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