Monday, 4 June 2018

श्री कृष्ण भगवान को मिला था श्राप जिससे उनके पूरे वंश का नाश हो गया था

shree krishna
श्री कृष्ण भगवान ने लगभग 800 साल तक इस धरती पर वास किया था. श्री कृष्ण भगवान मनुष्य के अवतार में धरती पर जन्मे थे. इसलिए उन्हें भी सामान्य मनुष्य के समान कुछ नियमों का पालन करना पढ़ता था. वैसे तो भगवान को किसी भी श्राप या बद्दुआ से कोई फर्क नहीं पड़ता है. क्योंकि भगवान का अस्तित्व हमारी सोच से कहीं बड़ा है. लेकिन अपने भक्तों की बात का मान रखने के लिए भगवान भक्तों के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं. जैसे कि आपने रामायण में देखा होगा कि जब मेघनाथ ने हनुमान जी पर ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया था तो हनुमान जी ब्रम्हा जी का मान रखने के लिए ब्रह्मास्त्र में जानबूझ कर बंध गए थे. हालांकि हनुमान जी मे इतनी शक्ति थी कि उन्हें कोई भी शस्त्र बांध नहीं सकता था. हमारे पौराणिक इतिहास में आपको ऐसे बहुत से उदाहरण मिलेंगे जहां पर भगवान ने अपने भक्तों के लिए अनेक रूप धारण किए हैं. जैसे कि हमने इस पोस्ट में लिखा है कि श्रीकृष्ण को भी श्राप मिला था जिसके कारण उनका पूरा वंश नाश हो गया था.
श्री कृष्ण भगवान को श्राप देने वाली स्त्री का नाम गांधारी था. जब महाभारत के युद्ध में सभी कौरव मृत्यु को प्राप्त हो चुके थे. तब गांधारी ने युद्ध क्षेत्र में आकर श्री कृष्ण भगवान को कहा था कि मैं जानती हूं कि आप सर्वशक्तिमान है. आप चाहते तो इस महासंग्राम को रोक सकते थे और मेरे पुत्र मरने से बच सकते थे. लेकिन आप ने जानबूझकर इस संग्राम को नहीं रोका.जिस प्रकार मेरे पुत्रों का नाश हुआ है. उसी प्रकार आपके सारे यादव वंश का विनाश हो जाएगा. हालांकि श्री कृष्ण भगवान चाहते तो गंधारी के श्राप के प्रभाव को टाल सकते थे.लेकिन उन्होंने अपनी भक्त गांधारी की भक्ति का मान रखते हुए श्राप को हंसते-हंसते स्वीकार कर लिया था. इसी श्राप की वजह से पूरे यादव वंश का नाश हो गया था.

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