Thursday 24 September 2020

लक्ष्य से आगे ना जाए सीखे, जीतने के बाद कहां रुकना है

                                                                 

दोस्तो इस दुनिया मे हर कोई सफलता पाना चाहता है। हर एक इंसान चाहता है कि उसे हर काम मे जीत हासिल हो। कुछ लोग लाइफ मे कामयाबी हासिल कर भी लेते है। लेकिन कुछ समय बाद ही अपनी कमाई हुई शोहरत को गवा बैठते है और दोबारा से वही आ जाते है जहा से उन्होने शुरू किया था। आज का विडियो इसी टॉपिक पर है। आप जिस समय जीत हासिल करते है उस समय आपको खुद पर काबू रखना चाहिए। क्योंकि जीत का फल अक्सर सबसे खतरनाक फल होता है. अपनी जीत की गर्मी में कई बार आपको अहंकार और OVER CONFIDENCE हो जाता है . जिससे आप अपने लक्षय से भटक जाते है। आपको एक बात कभी नही भूलनी चाहिए कि जीत हासिल करने और ज्यादा आगे निकलने के चक्कर में आप जितने शत्रुओ को पराजित करते हैं उससे ज्यादा शत्रु बना लेते हैं। इसलिए सफलता को अपने दिमाग पर ना चढ़ने दे। 

जीत हासिल करने के लिए योजनाये जरूर बनाये और जब आपको जीत हासिल हो तो कुछ समय के लिए रुक जाएं। इस बात को एक कहानी से समझते है। एक बार 2 मुर्गे कचरे के ढेर पर लड़ रहे थे। उनमें से एक ज्यादा शक्तिशाली था। उसने दूसरे मुर्गे को हराकर कचरे के ढेर से दूर भगा दिया। सारी मुर्गियां विजयी मुर्गे के पास खडी होकर उसकी तारीफ करने लगी। विजयी मुर्गा चाहता था कि अगले अखाड़े में भी उसकी ताकत और शोहरत का डंका बज जाए। इसलिए वह अगले अखाड़े में चला गया। वह खलियान के ऊपर उड कर बैठ गया और अपने पंख लहरा का तेज आवाज में बोला तुम सब मेरी तरफ देखो मैं जीतने वाला मुर्गा हूं। दुनिया में किसी और मुर्गे में मेरी जितनी ताकत नहीं है। अभी मुर्गे की बात पूरी भी नहीं हो पाई थी कि एक बाज ने उस पर झपट्टा मारा और उसे अपने पंजों में दबाया और अपने घोंसले में ले गया। इस कहानी का सबक आसान है। शक्तिशाली लोग अपने तरीके बदलते रहते हैं, दिशा बदलते रहते हैं। परिस्थितियों के अनुसार ढ़लते रहते हैं और नया काम सीखते रहते हैं। वे नाचते हुए कदमों के साथ आगे जाने की बजाय पीछे हटते हैं और यह देखते हैं कि वह कहां जा रहे हैं। उन्हे देखकर ऐसा लगता है जैसे उनके खून की धार में ही विजय रची हुई है। वे हमेशा अपनी भावनाओं को नियंत्रण मे रखते हैं और सफलता हासिल करने के बाद एक तरह के मानसिक ठहराव की स्थिति में आ जाते हैं। वे खुद को संभालते हैं और थोड़ा ठहर कर घटनाओं पर विचार करते हैं। वे अपनी सफलता में परिस्थिति और भाग्य की भूमिका की जांच करते हैं। शक्ति पाने में किस्मत और परिस्थिति की हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लेकिन आप चाहे जो भी सोचे खुशकिस्मती, बदकिस्मती से ज्यादा खतरनाक होती है। क्योंकि खुशकिस्मती कई बार आपको उल्टी दिशा में ले जाती है और आप यह सोचने लगते हैं कि आप अपनी प्रतिभा के कारण ही सफल हुए हैं। जबकि आपकी कामयाबी मे आपकी मेहनत के साथ किस्मत का भी योगदान होता है। लेकिन कामयाबी हासिल होने पर हम खुशी से नाचते है और हम ये सोचते है कि सब कुछ हमने ही किया है। हम यह भूल जाते है कि मेहनत के साथ अच्छी किस्मत का भी योगदान होता है और समय सदा एक सा नही रहता है। 

 आपकी किस्मत हमेशा पलटेगी और जब ऐसा होगा तो आप इसके लिए जरा भी तैयार नहीं होंगे। जो खुशकिस्मती आपको ऊपर उठाती है, आपकी सफलता पर मुहर लगाती है। वही आपकी आंखें खोलने का पल भी लाती है। किस्मत का पहिया आपको इतनी आसानी से नीचे फेंक देगा जितनी आसानी से आपने अपने आपको ऊपर उठाया है। अगर आप गिरने की तैयारी कर लेते हैं तो आपकी बर्बादी की संभावना कम से कम हो जाएगी। बुरा समय जब भी आता है आपको दुर्घटनाओं से निपटने की तैयारी की जरूरत के बारे में मूल्यवान सबक सिखाता है। इसलिए अपनी शक्ति को बनाए रखने के लिए समय के साथ खुद को ढालते रहे। यदि आज आप शक्तिशाली है तो ताकत का बहुत ज्यादा दिखावा न करे। क्योंकि जब आप अपनी ताकत का जरूरत से अधिक इस्तेमाल करते है तो दूसरों के सामने आप एक घमंडी और छोटे इंसान नजर आते है। जिससे आपके नये शत्रु पैदा होते है जो आपकी तरक्की मे रुकावट पैदा करते है। इसलिए आप चाहे कितने भी बिजी इंसान हो लेकिन जमीन पर ही रहे। जिससे आपके नये दोस्त बनते है। ऐसा करके आप और अधिक कामयाबी हासिल कर सकते है।

No comments:

Post a Comment

How to reconcile party ledger in excel