Friday 18 September 2020

अमीर बनना है तो अमीरों की तरह सोचें

                                                                 

दोस्तों आपने अक्सर देखा होगा कि कुछ लोगो के दैनिक जीवन मे समस्या आने पर वे बुरी तरह से घबरा जाते है. उनकी ये समस्या पैसे को लेकर या हेल्थ को लेकर आपसी रिलेशन को लेकर या किसी और बात को लेकर भी हो सकती है और उस परेशानी की हालत मे वे दूसरो की तरफ इस उम्मीद से देखते है कि कोई उनकी परेशानी को दूर कर दे. लेकिन जब उन्हें कही से भी मदद नही मिलती तो वे खुद को हारा हुआ महसूस करते है. कुछ लोग तो अपने जीवन का अंत भी कर लेते है. 

आज इस पोस्ट मे आपको इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे कि मुश्किल परिस्तिथियों मे आप खुद को कैसे सम्भाल सकते है और एक खुशहाल जीवन कैसे जी सकतें है. दोस्तों जब भी आपके जीवन मे कोई परेशानी आए तो उस परेशानी से घबराये नही बल्कि ये सोचे कि परेशानी से निकला कैसे जाये. मै ऐसा क्या कर सकता हूँ जिससे मै इस परेशानी से बच सकता हूँ. आप हमेशा एक बात याद रखना कि इंसान का दिमाग एक समय मे केवल एक ही चीज पर फोकस करता है. आप अपने दिमाग को जैसे सिग्नल देते हो वो वैसे ही ideas आपको देने लगता है. यदि आप समस्या पर अधिक ध्यान देते है तो आपके दिमाग मे उस समस्या से होने वाले नुकसान की तस्वीरे घुमने लगती है. आप बुरी तरह से घबरा जाते है और आपकी हिम्मत टूटने लगती है. आपके माथे से पसीना छुटने लगता है. उस समय आपकी छोटी सी समस्या भी और अधिक बड़ी लगने लगती है. लेकिन जब आप यह कहते है कि मै इस समस्या से लड़ सकता हूँ तो आपके दिमाग को यह सिग्नल मिलता है कि वो आपको ऐसे ideas दे जिससे कि आप इस बुरी स्तिथि से बाहर निकल सके.

आपके दिमाग मे उन कामो या उन लोगो की तस्वीर आ जाती है जहा से आपको मदद मिल सकती है और आपके अन्दर एक उम्मीद जाग जातीं है कि आपके लिए यह कोई मुश्किल काम नही है. अब मै आपको एक प्रैक्टिकल तरीका बताने वाला हूँ जिससे आप किसी भी समस्या का समाधान बड़ी आसानी से खोज सकतें है. आपको सबसे पहला काम यह करना है कि मुश्किल परिस्तिथि मे घबराने की बजाए खुद से यह कहे मै एक शक्तिशाली इंसान हूँ और इस समस्या से निपट सकता हूँ. उसके बाद एक कागज पर एक साइड मे समस्या के बारे मे लिखे. अब दूसरी साइड दस ऐसे कामो के बारे मे लिखे जिन्हें करने से आप इस समस्या से निजात पा सकते है. इससे आपका ध्यान समस्या की बजाय समाधान की तरफ चला जाता है. इससे होगा यह है कि आप समस्या को सुलझा लेंगे और दूसरी बात आप काफी बेहतर महसूस करने लगेंगे. जब भी आपको महसूस हो कि आपके सामने कोई बड़ी समस्या है तो खुद की तरफ इशारा करके चिल्लाए छोटा मैं छोटा. इससे आप अचानक जाग जाएंगे और अपने ध्यान को वहां केंद्रित कर लेंगे जहां इसकी जरूरत है. उसके बाद एक गहरी सांस लें और उसी समय फैसला कर लें कि आप ज्यादा बड़े व्यक्ति बनेंगे और किसी भी समस्या या रूकावट को अपनी खुशियां या सफलता छिनने की इजाजत नहीं देंगे. 

 एक बात हमेशा ध्यान रखे कि आप जितनी बड़ी समस्याओं से निपट सकते हैं उतने ही बड़े बिजनेस को संभाल सकते हैं. आप जितनी बड़ी जिम्मेदारी संभाल सकते हैं उतने ही ज्यादा कर्मचारियों को संभाल सकते हैं. आप जितने ज्यादा ग्राहकों को संभाल सकते हैं उतने ही ज्यादा पैसे और उतनी ही ज्यादा दौलत भी संभाल सकते हैं. अमीर लोग अपनी समस्याओं से ज्यादा बड़े होते हैं. वे समस्या पर नहीं अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करते हैं. मै एक बार फिर कहूंगा कि इन्सान का मस्तिष्क आमतौर पर एक समय में सिर्फ एक ही प्रबल चीज पर ध्यान केंद्रित करता है. इसका मतलब यह है कि या तो आप अपनी समस्या का दुखड़ा रो रहे हैं या फिर आप समाधान पर मेहनत कर रहे हैं. अमीर और सफल लोग समाधान पर फोकस करते हैं. जब चुनौतियां आती हैं तो है वे जवाबी रणनीति और योजना बनाने में अपना समय लगाते हैं. वे लोग वैसे सिस्टम बनाते हैं ताकि वह समस्या दोबारा पैदा ही ना हो. जबकि गरीब और असफल लोग समस्या पर फोकस करते हैं. ये लोग अपना समय और ऊर्जा शिकायत करने या रोने-धोने में लगा देते हैं. इसी कारण ये लोग समस्या खत्म करने के लिए शायद ही कभी कोई समाधान खोज पाये. समस्या दोबारा पैदा होने से रोकने की बात तो रहने ही दे. जबकि अमीर लोग अपनी समस्याओं से पीछे नहीं हटते हैं. वे समस्याओं से बचते नहीं है और न ही समस्याओं के बारे में शिकायत करते हैं. 

अगर आप समस्याओं से निपटने और रूकावटो से उबरने में निपुण बन जाते हैं तो आपको सफलता पाने से कौन रोक सकता है जवाब है कोई नहीं और अगर आपको कोई नहीं रोक सकता है तो आप अजय बन जाते हैं अजय मतलब ऐसे व्यक्ति जिसे कोई भी समस्या हरा न सके और अगर आप अजय बन जाते हैं तो आपके पास अपने जीवन में कितने विकल्प होते हैं. जवाब है आपके पास ढेर सारे विकल्प होते हैं. अगर आप आ अजय बन चुके हैं तो आपके लिए हर चीज उपलब्ध है. आप बस उसे चुन लें और वो आपकी हो जाएगी. 

 ब्राह्ममाण यानी उच्चतर शक्ति एक बड़े मेल ऑर्डर डिपार्टमेंट जैसा है. भगवान लगातार आपकी ओर लोगो,घटनाओ और चीजों को भेज रहा है. आप अपने जीवन मे जो भी करना चाहते है. आपको वैसे ही लोग मिलने लगते है. आप अपने सच्चे दिल और दिमाग से संदेश ब्राह्मण की ओर भेजकर आर्डर देते हैं. आकर्षण के नियम के आधार पर ब्राह्मण आपके ऑर्डर को पूरा करने की सर्वश्रेष्ठ कोशिश करेगा. लेकिन अगर आपकी फाइल में मिले-जुले संदेश हैं तो ब्रह्माण यह समझ ही नहीं पाता है कि आप चाहते क्या हो. 1 मिनट ब्रह्मांड सुनता है कि आप अमीर बनना चाहते हैं. इसलिए यह आपकी ओर दौलत के अवसर भेजने लगता है. लेकिन फिर यह आपको ये कहते हुए सुनता है कि अमीर लोग लालची होते हैं. इसलिए ब्रह्मांड आपकी बात मान कर ऐसी व्यवस्था करने लगता है ताकि आपके पास ज्यादा पैसा ना रहे. लेकिन फिर आप सोचते हैं ज्यादा पैसा होने पर जिंदगी बहुत मजेदार बन जाएगी तो बेचारा ब्रह्मांड दुविधा में दोबारा आपकी और ज्यादा पैसे कमाने के अवसर भेजने लगता है. अगले दिन आप कुछ परेशान मुंड मे रहते हैं. इसलिए आप सोचते हैं पैसा इतना महत्वपूर्ण नहीं है. हैरान परेशान ब्रह्मांड आखिरकार चींख उठता है कि पहले फैसला कर लो तुम जो चाहते हो, वह मैं तुम्हें दे दूंगा, बस मुझे इतना बता दो कि तुम चाहते क्या हो. 

ज्यादातर लोगों को अपनी मनचाही चीज इस प्रमुख कारण से नहीं मिलती है क्योंकि उन्हें पता ही नहीं होता है कि वह क्या चाहते हैं. अमीर लोग पूरी तरह से स्पष्ट होते हैं कि वह दौलत चाहते हैं उनकी इच्छा अटल होती है. वे दौलत कमाने के लिए पूरी तरह समर्पित रहते हैं, जब तक तरीका कानूनी नैतिक और सही हो. वह दौलत कमाने के लिए हर काम करने को तैयार रहते हैं. अमीर लोग ब्रह्मांड को मिले-जुले संदेश नहीं भेजते हैं. जबकि गरीब लोग भेजते हैं. गरीब लोगों के पास बहुत से बहाने होते हैं कि सच में अमीर बनने में कितनी समस्याएं हो सकती है. परिणाम स्वरूप उन्हें शत प्रतिशत यकीन नहीं होता है कि वह सचमुच अमीर बनना चाहते हैं. वह ब्रह्मांड को जो संदेश भेजते हैं वह दुविधापूर्ण होता है. दूसरों के प्रति भी उनका संदेश दुविधापूर्ण होता है और यह सारी दुविधा क्यों होती है ? क्योंकि खुद के प्रति उनका सन्देश भी दुविधापूर्ण ही होता है. वास्तव मे उनको ये दुविधा रहती है कि आखिर करे तो क्या करे. किसी भी काम की शुरुआत से पहले ही उसके नुकसानों के बारे मे सोचने लगते है. अमीर लोग अवसरों को देखते है. गरीब लोग मुश्किलों को देखते है. अमीर लोग विकास की सम्भावनाये देखते है.गरीब लोग हानि की आशंकाए देखते है.

अमीर लोग पुरस्कारों पर ध्यान लगाते है.गरीब लोग जोखिमो पर ध्यान लगाते है .अमीर लोग सफलता की उम्मीद करते है.उन्हें अपनी काबिलियत पर भरोसा होता है.उन्हें यकीं होता है कि अगर वे कामयाब न हुए तो भी वे सफल होने का कोई दूसरा तरीका खोज सकते है. आमतौर पर लाभ जितना ज्यादा बड़ा होता है ,जोखिम भी उतना ही ज्यादा होता है.चूँकि अमीर लोग लगातार फायदा देखते है ,इसलिए वे जोखिम लेने के लिए तैयार रहते है.अमीरों को हमेशा यकीन होता है कि बुरे से बुरा भी हो जाए ,तो भी वे हमेशा अपनी दौलत पा सकते है. दूसरी तरफ गरीब लोग अपनी हार के बारे मे सोचकर डरते है. उन्हें खुद पर और अपनी योगयेताओ पर भरोसा ही नही होता है .गरीब लोग मानते है कि अगर सितिथि गड़बड़ हो गई, तो वे तबाह हो जायेंगे.क्योंकि वे लगातार मुश्किलों को देखते है. इसलिए वे आमतौर पर जोखिम लेने के लिए तैयार नही होते है और बिज़नस का नियम होता है जोखिम नही तो लाभ नही. 

 हो सकता आप मे से कुछ लोगो को मेरी बाते चुभ रही हो. लेकिन यहाँ पर मे एक बात क्लियर कर देना चाहता हूँ कि मै गरीबो के विरोध मे नही हूँ और न ही मे किसी गरीब से नफरत करता हूँ. क्योंकि इस विडियो मे मैं केवल उन लोगो की ही बात कर रहा हूँ जो पैसे की बजाये दिल से गरीब होते है. जिनकी जेब मे तो पैसे होते है लेकिन ख़र्च करने से डरते है. जो लाखो रूपए तो कमाना चाहते है लेकिन जेब मे रखी चवन्निया भी सालो तक इसलिए बचा के रखते है ताकि उन्हें अपनी यादगार निशानी के रूप मे दुसरो को दिखा सके.

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