Sunday 15 March 2020

आज के आधुनिक युग मे दूसरों से कैसे काम निलवाने और नुकसान से बचने के तरीके

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आज के आधुनिक युग मे दूसरों से कैसे काम निलवाने और नुकसान से बचने के तरीके 

दोस्तों इस पोस्ट में मैं आपके साथ शक्ति के 48 नियम बुक से कुछ बाते शेयर करूंगा जो कि आज के आधुनिक युग में लोग अपना काम निकालने के लिए प्रयोग करते है। इतिहास इस बात का गवाह है कि इन नियमो का प्रयोग करके मे कई लोगो ने अपने जीवन मे सुधार किया है। आप भी गर चाहे तो इन नियमो का प्रयोग कर सकते है क्योंकि Compitition के इस दौर मे क्या पता कौन कितना पीछे रह जाए।       

1.कभी भी बॉस से श्रेष्ठ ना दिखे - इस नियम के अंतर्गत Author Robert Greene बताते हैं कि अपने से ऊचे पद पर बैठे लोगो को यह महसूस करने दें कि वे आप से ज्यादा काबिल हैं। उन्हें खुश और प्रभावित करने के लिए अपनी योग्यताओं का जरूरत से ज्यादा प्रदर्शन ना करें। अगर आप ऐसा करेंगे तो परिणाम यह होगा कि वह खुद को असुरक्षित महसूस करेंगे। क्योंकि ऊंचे पद पर बैठे लोग राजा और रानी की तरह होते हैं और वे अपने पद पर सुरक्षित महसूस करना चाहते हैं। वे बुद्धि, बातचीत और आकर्षण के मामले में अपने आसपास के लोगों से श्रेष्ठ दिखना चाहते हैं। आप भूल से भी यह न सोचे कि आप अपनी प्रतिभा और गुणों का प्रदर्शन करके आप बॉस की सदभावना हासिल कर लेंगे। हो सकता है बॉस ऊपर से तो आपकी प्रशंसा करने का नाटक करें। लेकिन मौका मिलते ही वह आपकी जगह पर किसी कम बुद्धिमान, कम आकर्षक और खतरनाक लगने वाले व्यक्ति को नियुक्त कर देगा। किसी भी तरह की श्रेष्ठा लोगों को नापसंद होती है और वे उसकी निंदा करते हैं।

2.मित्रों पर कभी ज्यादा भरोसा ना करें - यह स्वभाविक है कि जरूरत पड़ने पर हम अपने मित्रों को काम पर रखना चाहते हैं। दिक्कत यह है कि आप अपने मित्रों को उतनी अच्छी तरह से नहीं जानते हैं जितना आपको लगता है। मित्र अक्सर बहस मिटाने के लिए आपकी हां में हां मिला देते हैं। आपको कष्ट ना पहुंचे इसलिए अपने गुणों छुपा लेते हैं। आप जब मजाक करते हैं तो वह थोड़ा ज्यादा हंसते हैं क्योंकि ईमानदारी और सच्चाई से मित्रता की नींव मजबूत नहीं होती है। इसलिए वास्तव में आपको यह पता ही नहीं होता कि आपके बारे में आपके मित्रों की असली भावनाएं क्या है। मित्र आपके मुंह पर तो यही कहेंगे कि उन्हें आपकी कविता बहुत अच्छी लगती है। आपका गाना बजाना बेहद पसंद है। आपके कपड़ों की choice बहुत अच्छी है। हो सकता है वह आपकी सच्ची तारीफ कर रहे हो।  

लेकिन ऐसा होता नहीं है जब आप अपने किसी मित्र को नौकरी पर रखने का निर्णय लेते हैं तो उसके वे सभी गुण आपके सामने धीरे-धीरे आते हैं जिन्हें उसने अब तक छिपा रखा था। अजीब बात यह है कि आपकी उदारता के इस काम से संबंधों का संतुलन बिगड़ जाता है। क्योंकि सभी लोग यह महसूस करना चाहते हैं कि उन्हें यह अवसर अपने दम पर मिला है। वे आपके दिये हुये काम को एहसान जानते हैं क्योंकि यह काम उन्हें उनकी योग्यता के कारण नहीं मिला होता है जिससे वे मन ही मन परेशान हो जाते हैं।  

3.अपनी इरादे छुपा कर रखें- आप किस उद्देश्य से काम कर रहे हैं यह दूसरों के सामने जाहिर ना होने दें। इससे लोग अंधेरे में रहेंगे और अपनी योजना नहीं बना पाएंगे। अगर उन्हें इस बात का अंदाजा ही नहीं हुआ कि आप क्या करना चाहते हैं तो वह अपनी रक्षा की योजना नहीं बना सकते। इस तरह आप उन्हें गलत दिशा में काफी दूर तक ले जा सकते हैं और काफी समय तक गुमराह कर सकते हैं। जब तक उन्हें इरादों का एहसास होगा तब तक बहुत देर हो चुकी होगी।

यहा पर Author  रॉबर्ट ग्रीन हमें बताते हैं कि इंसान को अपने चेहरे पर एक नकाब इस्तेमाल करना चाहिए। नकाब से उनका मतलब है चेहरे के भाव को छुपाना। आपके अंदर क्या चल रहा है वह आपके चेहरे पर नहीं आना चाहिए। उदासी और भावहीन चेहरे के पीछे हर तरह के विनाशकारी योजना बनाई जा सकती है जिसकी किसी को भनक भी नहीं लगेगी। इतिहास के सबसे शक्तिशाली लोग इस हथियार का इस्तेमाल करने में निपुण थे।

उदाहरण के लिए भेड़ कभी अचानक हमला नहीं करती है। कभी धोखा नहीं देती है बहुत ही सीधी और आज्ञाकारी होती है। भेड़ की खाल पहन कर लोमड़ी बड़े आराम से मुर्गियों के दबड़े में घुस सकती है।  

4.हमेशा जरूरत से कम बोलें- आप जितना ज्यादा बोलेंगे उतने ही ज्यादा साधारण नजर आएंगे और आपका नियंत्रण उतना ही कम होगा। अगर आप अपनी बात को स्पष्ट, गोलमोल और अजीब रखेंगे तो आपकी नीरबाभी मौलिक लगेगी। सशक्त लोग कम बोलकर प्रभावित करते हैं और रोबदार दिखते हैं। इस बात की ज्यादा संभावना होती है कि ज्यादा बोलते समय आपके मुंह से कोई ना कोई मूर्खतापूर्ण बात निकल ही जाएगी।  

उदाहरण के लिए एक बार किसी राज्य में कैदी को मृत्युदंड दिया गया। लेकिन जब उसको मृत्युदंड के लिए फांसी पर ले जाया जा रहा था तो फांसी देते समय वह रस्सी टूट जाती है और वह कैदी बच जाता है। उस वक्त इस तरह की घटनाएं ईश्वर का इंसाफ मान जाती थी। जो व्यक्ति मृत्युदंड से इस प्रकार बता था उसे आमतौर पर माफ कर दिया जाता था। जब वह कैदी अपने पैरों पर खड़ा हुआ तो उसे चोट लगी हुई थी लेकिन उसे यकीन था कि उसकी जान बच गई है। अपने बड़बोलेपन की आदत के कारण वह वहाँ पर उपस्तिथ लोगो से कहता है कि तुम लोगों ने देखा कि यहा के लोग कोई भी काम ठीक तरह से नहीं कर सकते हैं। इन्हे तो रस्सी भी बनानी नही आती है।   

एक संदेशवाहक तत्काल यह खबर लेकर सम्राट के पास गया कि मृत्युदंड नहीं दिया जा सका। इस निराशाजनक खबर से चिंतित होने के बावजूद राजा माफीनामा पर हस्ताक्षर करने लगे। लेकिन तभी उन्होंने संदेशवाहक से पूछा क्या इस घटना के बाद उस कैदी ने कुछ कहा था। संदेशवाहक ने जवाब दिया उसने कहा था कि राजा के लोगों को तो रस्सी बनाने भी नहीं आती है। सम्राट ने गुस्से से माफीनामी को फाड़ते हुए कहा अगर ऐसी बात है तो हम उसकी बात को गलत साबित करके दिखा देंगे। कैदी को दोबारा फांसी के फंदे पर लटकाया इस बार रस्सी नहीं टूटी। इसलिए अपने शब्दों को नियंत्रण में रखें क्योंकि जल्दबाजी में बिना सोचे समझे बोले गए शब्दों से कभी-कभी बहुत ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है।

5.प्रतिष्ठा पर बहुत कुछ निर्भर करता है हर कीमत पर इसकी रक्षा करें- आपकी प्रतिष्ठा आपकी शक्ति के नीव है। सिर्फ प्रतिष्ठा के माध्यम से ही आप दबदबा क़ायम कर सकते हैं और विजय पा सकते हैं। जरा सी भी प्रतिष्ठा खराब हो जाने पर आप असुरक्षित हो जाएंगे और आप पर सभी दिशाओं से हमला होने लगेगा। ऐसी प्रतिष्ठा बनाए कि उस पर कोई हमला न कर सके।

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उत्तर अफ्रीकी रेगिस्तान में लड़ते समय जर्मन सेनापति रोमन ने चालाकी और धोखेबाजी की ऐसी प्रतिष्ठा बना ली थी जिससे उनसे लड़ने वाली हर सेना दहशत में आ जाती थी।  हालांकि उनकी सेना मुट्ठी भर बची थी ब्रिटिश टेकों की संख्या उनसे 5 गुना ज्यादा थी लेकिन रोमके आने की खबर सुनते ही पूरे शहर खाली हो जाते थे।

6.हर कीमत पर सबका ध्यान आकर्षित करें- हर चीज का मूल्यांकन दिखने के आधार पर किया जाता है। जो दिखता है वो ही बिकता है। जो नजर नहीं आता है उसका कोई मूल्य ही नहीं होता है। इसलिए भीड़ का हिस्सा ना बने और गुमनामी में दफन होकर ना रहें। सबसे अलग हटकर देखें। हर कीमत पर लोगों की नजरों में रहे। अपनी personality को इतना आकर्षक और चुंबकिये बनाए कि सबका ध्यान आपकी तरफ खींचा आए। 

एक बार लोगों की नजरों में चढ़ने के बाद आपको उनका ध्यान आकर्षित करने के नए-नए तरीके खोजने चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो लोग बाग़ आपसे उजाएंगे और आप की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं देंगे और किसी नए सितारे की तरफ आकर्षित हो जाएंगे।

Author  बताते है कि मशहूर पेंटर पाब्लो पिकासो ने खुद को कभी गुमनामी की पृष्ठभूमि में गुम नहीं होने दिया। वो हमेशा लोगो के सामने एक नई तस्वीर रखते थे। जो की लोगो की सोच के विपरीत होती थी। वे यह मानते थे कि लोग उनकी पेंटिंग की शैली से ज्यादा परिचित हो इससे पहले ही कुछ बुरी और विचलित करने वाली पेंटिंग बनाकर उन्हें हैरान कर देना चाहिए। यह अच्छी तरह से समझ ले लोखुद को उस व्यक्ति से श्रेष्ठ मानते हैं जिसके काम के बारे में पहले से भविष्यवाणी कर सकते हैं। अगर आप उनकी अपेक्षाओं के विपरीत जाकर उन्हें बता देते हैं कि नियंत्रण की बागडोर आपके हाथ में हैं तो आपको उनका सम्मान भी मिलेगा और आप लंबे समय तक उनका ध्यान भी आकर्षित कर पाएंगे।

7.काम दूसरों से करवाए लेकिन श्रेय खुद ले- अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए दूसरों की समझदारी, ज्ञान और मेहनत का इस्तेमाल करें। इस तरह से आप ना सिर्फ अपना बहुमूल्य समय और ऊर्जा बचाएंगे बल्कि इससे यह छवि भी बनेगी कि आप बहुत Perfect and  fast  हैं. लोग आपको याद रखेंगे और आपके सहायक गुमनामी के अंधेरे में खोकर रह जाएंगे.  दूसरों से जो काम करवा सकते हैं उसे खुद कभी ना करें.  

Author  बताते है कि कलाकार पीटर के करियमें उनकी पेंटिंग्स की मांग बहुत बढ़ गई थी। उन्होंने एक सिस्टम बना लिया था। वे अपने बड़े स्टूडियो में दर्जनों अच्छे पेंटर्स को नौकरी पर रखते थे। उनमें से एक कपड़े बनाने में माहिर था तो दूसरा पृष्ठभूमि बनाने में, इसी तरह बाकी क्षेत्रों के विशेषज्ञ भी मौजूद थे। उनके स्टूडियो में एक  साथ बहुत से चित्रों पर काम चलता था। लेकिन जब कोई महत्वपूर्ण ग्राहक स्टूडियो देखने आता था तो वे बाकी सभी को भगा देते थे। जब ग्राहक बालकनी से देखता था तो उसे पीटर तेजी से कई पेंटिंग्स पर एक साथ काम करते दिखाई देते थे। ग्राहक हैरान रह जाता था कि यह व्यक्ति कितना असाधारण है जो इतने कम समय में इतनी सारे मास्टर पीस पेंट कर सकता है। यही इस नियम का सार है कि काम दूसरों से करवाना सीखे और credit  खुद ले। ताकि लोगों को यह लगे कि आप में अनूठी शक्ति है।  

यदि आप हर काम खुद करना चाहोगे तो आपकी ऊर्जा खामखा बर्बाद होगी और आप थकान के मारे निढाल हो जाएंगे। ऐसे लोगों को ढूंढे जिनमें आपसे ज्यादा योग्यताएं हो। उन्हें नौकरी पर रख ले और उनके काम पर अपने नाम का लेवल लगाना शुरु कर दे या फिर उनके काम पर अपना नाम चिपकाने का कोई और तरीका खोजें। इस तरह से उनकी रचनात्मकता लोगों के सामने आपकी रचनात्मकता बन जाती है और आप जीनियस नजर आने लगते हैं।  

इस नियम का इस्तेमाल प्राचीन काल के लेखक शेक्सपियर भी करते थे। साहित्य की खोज करते समय उन्होंने अतीत के लोगों की सफलताओं का सहारा लिया था। उन्होने दूसरों की कहानियों पर नाटक लिखे और खूब नाम कमाया। बाद मे कितने सारे लेखकों ने शेक्सपियर से सीखा और उनकी कथाओ को चुराकर नाम कमाया।

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