Wednesday, 22 January 2020

CIBIL SCORE क्या होता है II Credit Score full explained in Hindi

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How to Check CIBIL Score for free II Credit Score full explained in Hindi

दोस्तों इस पोस्ट में हम जानेंगे सिबिल स्कोर अथवा क्रेडिट स्कोर क्या होता है और इसे हम किस प्रकार से चेक कर सकते हैं. सबसे पहले CIBIL की फुल फॉर्म जान लेते हैं CIBIL की फुल फॉर्म होती है CREDIT INFORMATION BUREAU INDIA LIMITED.  

CIBIL SCORE 3 डिजिट का नंबर होता है जिससे हमें बैंक में लोन लेने की अनुमति मिलती है. सधारण भाषा मे कहे तों जिस प्रकार आप कोई गेम खेलते हैं और गेम खेलने में आपको नंबर मिलते हैं और उन नम्बरों से आपका स्कोर बनता है. ठीक उसी प्रकार आप बैंक में जिस प्रकार का लेनदेन करते हैं. उसी लेनदेन के आधार पर आपको नंबर मिलते है और उन नम्बरों से आपका क्रेडिट स्कोर बनता है.  इस CREDIT SCORE के द्वारा ही बैंक यह तय करता है कि आप LOAN लेने के योग्य हो अथवा नही. भारत में प्रतिवर्ष 60% लोगों का CREDIT SCORE कम होने के कारण लोन के एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दी जाती है.

सिबिल स्कोर को प्रभावित करने वाले मुख्य तत्व हैं

1.LOAN REPAYMENT- आप जब भी कभी बैंक से लोन लेते हैं तो आपको उसकी पेमेंट समय पर करनी होती है. यदि आप उसकी पेमेंट करने में देरी करते हैं तो LATE PAYMENT होने के कारण बैंक मे आपका CIBIL SCORE कम हो जाता है.

2.LOAN APPLICATIONS - कभी कभी कुछ लोग LOAN के लिए कई जगह पर आवेदन करते हैं और किन्ही कारणों से कई कंपनियों के द्वारा आपका लोन रिजेक्ट कर दिया जाता है. जिससे उस समय तो आपको लोन नहीं मिलता लेकिन आपका आवेदन उन सभी कंपनियों की वेबसाइट पर रजिस्टर हो जाता है. जिससे आपका सिविल स्कोर प्रभावित होता है.

3.USE OF CREDIT LIMIT - आपको अपने बैंक खाते के अंदर अथवा क्रेडिट कार्ड मे लिमिट दी गई है. उस लिमिट को यदि आप पूरा इस्तेमाल करते हैं तो भी आप का सिबिल स्कोर प्रभावित होता है. इससे बैंक को ऐसा लगता है कि आप बैंक से उधार लेकर ही अपने सभी खर्चे पूरे कर रहे है.

4.MAKE HOLDER OF JOINT ACCOUNT- यदि आप किसी दूसरे व्यक्ति के साथ मिलकर कोई JOINT ACCOUNT खोलते है और किसी कारणों से आपका साथी व्यक्ति बैंक में अच्छी परफॉर्मेस नहीं देता है, मतलब वह बैंक कि क्रेडिट लिमिट का अधिक उपयोग करता है अथवा क्रेडिट कार्ड की पेमेंट टाइम पर नहीं करता है तो आप दोनों ने मिलकर JOINT ACCOUNT खोला है. इसलिए आपका CREDIT SCORE भी कम हो जाता है.

5.CREDIT CARD PAYMENT- यदि आपने बैंक से कोई क्रेडिट कार्ड ले रखा है और आप उस क्रेडिट कार्ड की पेमेंट को समय पर नहीं करते हैं तो आपका सिविल इसको कम होने लगता है.

अब हम जानते हैं कि आपका बैंक में कितना सिबिल स्कोर होने पर क्या फर्क पड़ता है

1.300 -  यदि आपका क्रेडिट स्कोर 300 तक होता है तो यह आपके लिए बहुत नुकसानदायक है. इतना कम स्कोर होने पर बैंक आपको लोन नहीं देता है.

2.300 से 450- यह स्कोर भी अच्छा नहीं है क्योंकि इस पर भी आपको लोन नहीं मिलता है. लेकिन जब आपका स्कोर इस लेवल तक पहुंच जाता है तो आपको सावधान होने की जरूरत है कि आपको अपनी लोन की पेमेंट टाइम पर करनी है.

3.450 से 600- यह एक एवरेज स्कोर है परंतु यह भी ज्यादा अच्छा नहीं है. इस स्कोर पर आपको क्रेडिट कार्ड एक सीमित लिमिट तक मिल जाता है लेकिन लोन नहीं मिलता है.

4.600 से 750- यह स्कोर अच्छा माना जाता है क्योंकि इस स्कोर पर आप बैंक से लोन ले सकते हैं. परंतु बैंक से कोई ऑफर और कैशबैक की उम्मीद नहीं कर सकते हैं.

5.750 से 900- इस स्कोर को एक परफेक्ट स्कोर माना जाता है. इतना स्कोर होने पर आप बैंक से बड़ी आसानी से लोन ले सकते हैं और क्रेडिट कार्ड भी ले सकते हैं. इस स्कोर पर आपको बैंक के द्वारा ऑफर और कैशबैक भी मिल सकता है.


सिबिल स्कोर को कैसे सुधारें


1.REMINDER FOR EMI PAYMENT- आप जब भी बैंक से लोन लेते हैं तो उसकी EMI PAYMENT के लिए अपने मोबाइल में रिमाइंडर सेट करें. ताकि आपको समय पर उसकी पेमेंट करने के लिए रिमाइंडर मिलता रहे और आप उसकी पेमेंट समय पर कर सकें. यदि आप लोन की पेमेंट सही समय पर करेंगे तो आपका CREDIT SCORE बढ़ेगा.

2. CREDIT CARD PAYMENT- अपने क्रेडिट कार्ड की कोई भी पेमेंट बकाया ना रखें. यदि आप क्रेडिट कार्ड की पेमेंट समय पर करते है तो क्रेडिट स्कोर बढ़ता है.

3. LONG TERM LOAN – यदि आप बैंक से कोई लोन ले रहे है तो लोन पेमेंट की अवधि लंबी रखें. क्योंकि इससे आपको लोन की पेमेंट करने में आसानी होती है और दूसरा जब आप लोन की पेमेंट समय पर करते रहते हैं तो आपका CREDIT SCORE भी अच्छा बन जाता है

4.JOINT ACCOUNT HOLDER- किसी भी दूसरे व्यक्ति के साथ अकाउंट का गारंटर ना बने. क्योंकि यदि वह व्यक्ति बैंक में अच्छी परफॉर्मेंस नहीं दे पाता है तो आपका सिविल इससे प्रभावित होता है.

5. FULL USE OF CREDIT LIMIT- आपके क्रेडिट कार्ड मे जो भी लिमिट दी गयी है. उस क्रेडिट लिमिट से कम ही खर्च करें. मान लीजिये आपको क्रेडिट लिमिट 600000 रुपये दी गई है तो आप केवल 20000 रुपये तक ही इस्तेमाल करे. ऐसा करने आपका क्रेडिट स्कोर बढ़ता है. 

6. CHECK CIBIL REPORT- अपने CIBIL REPORT को समय समय पर चेक करते रहे. क्योंकि  कई बार आप अपने लोन की EMI समय पर दे रहे होते हैं. लेकिन फिर भी आपका क्रेडिट स्कोर नहीं बढ़ रहा होता है. हो सकता है कि कुछ टेक्निकल डिफॉल्ट के कारण ऐसा दिख रहा हो या कोई दूसरा कारण हो उसका पता करके उसमें सुधार करे.

7.DON’T INCREASE CREDIT LIMIT - कुछ लोग बैंक में जाकर अपनी क्रेडिट कार्ड की लिमिट को बढ़वाने  के लिए कहते हैं ऐसा बिल्कुल भी ना करें. जब बैंक के द्वारा आपको किसी ऑफर के तहत क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने के लिए कहा जाए तभी आप लिमिट को बढ़ाये. यदि आप अपनी तरफ से क्रेडिट लिमिट बढ़ाने के लिए कहते है तो इससे बैंक मे आपकी एक नेगेटिव छवि पड़ती है और आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित होता है.

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