पैसे कमाना चाहते है तो इस नियम को जीवन मे अपनाए
दोस्तों आज दुनिया में हर एक इंसान पैसा कमाना चाहता है. क्योंकि पैसा ही वह ताकत है जो आपके परिवार
को शक्ति देती है और आपके जीवन के लाइफ़स्टाइल को बदलती है. पैसा ही वह ताकत है जिसकी मदद से आप बदकिस्मत
लोगों की मदद कर सकते हैं. पैसा वह साधन है जिसके सहारे आप जीवन को पूरी तरह से जी
सकते हैं. लेकिन पैसा कमाने के लिए समय लोग सीधे तरीके की बजाय उल्टे तरीके का
उपयोग करते हैं. हर कहीं आप देखते हैं कि लोगों का रवैया पहले पैसा होता है. परंतु
इन्हीं लोगों के पास सबसे कम पैसा होता है. ऐसा सिर्फ इसलिए होता है क्योंकि जिन
लोगों का रवैया पहले पैसा होता है. वह पैसे के बारे में दीवाने हो जाते वह यह भूल
जाते हैं कि पैसे की फसल तब तक नहीं काटी जा सकती जब तक कि आप पैसे के बीज को ना
बोए और पैसे का बीज है सेवा. इसलिए पहले सेवा कीजिए और पैसा अपने आप आपके पास आ
जाएगा.
इस बात को डॉक्टर डेविड अपनी किताब द मैजिक ऑफ बिग थिंकिंग मे एक
उदाहरण के द्वारा सिद्ध करते हैं. वह कहते हैं कि वह एक बार वह किसी हिल स्टेशन की
यात्रा के लिए जा रहे थे. रास्ते में उन्हें पेट्रोल भरवाना था. वह एक साधारण से
परंतु बेहद व्यस्त पेट्रोल पंप पर जाकर रुके. मात्र 4 मिनट बाद ही वह जान गए कि वह पेट्रोल पंप इतना लोकप्रिय क्यों था. वह
कहते हैं कि मेरी कार में पेट्रोल भरने के बाद गाड़ी में बिना कहे हवा चेक कर दी
गई और बाहर का शीशा साफ करने के लिए एक असिस्टैंट मेरे पास आया और कहा सर आज काफी
धूल भरा दिन था. क्या मैं आपकी गाड़ी के शीशे साफ कर दूं. उसने जल्दी ही और बड़े
अच्छे तरीके से गाड़ी के सारे शीशों की सफाई कर दी. इस प्रकार की सर्विस किसी अन्य
पेट्रोल पंप पर नहीं दी जाती थी. उस असिस्टैंट की छोटी सी विशेष सेवा के कारण ना
सिर्फ मुझे रात में अच्छा दिखने लगा बल्कि मुझे यह स्टेशन याद रहा. इत्तेफाक से
मैं अगले 3 महीने में 8 बार यात्रा पर जाते समय उस पेट्रोल पंप पर गया और मैंने यहां से
पेट्रोल भरवाया और हर बार मुझे जितनी सर्विस की उम्मीद थी. मुझे उससे ज्यादा
सर्विस मिली और यह भी रोचक था कि जब मैं वहां पहुंचता था तो वहां बहुत सारी कारें
खड़ी मिलती थी. कई बार मै सुबह 4 बजे भी वहां पहुंचा
कुल मिलाकर मैंने स्टेशन से लगभग ₹10000 का पेट्रोल खरीदा
होगा.
ध्यान देने वाली बात यह है कि जब डॉ डेविड उस स्टेशन पर आए थे तो वह
असिस्टैंट यह सोच सकता था कि यह आदमी बाहर का है. शायद यह दोबारा यहां नहीं आएगा.
इसलिए इनकी तरफ विशेष ध्यान देने से क्या फायदा. यह तो सिर्फ एक बार का ही ग्राहक
है.परंतु उस सर्विस स्टेशन के असिस्टैंट ने इस तरह से नहीं सोचा. वहां पर पहले
सेवा की जाती थी और यही कारण था कि उन्हें पेट्रोल भरने से फुर्सत ही नहीं मिलती
थी. जबकि उनके आसपास के पेट्रोल पंप विरान पड़े रहते थे. डॉक्टर डेविड कहते हैं
अगर पेट्रोल की क्वालिटी में कोई फर्क हो तो सच कहूं मैंने उस तरफ ध्यान ही नहीं
दिया और कीमत भी वाजिब थी. फर्क सिर्फ सेवा भाव का था और यह भी साफ था कि सेवा भाव
के कारण उन्हें काफी फायदा भी हो रहा था. जब मैं पहली बार यात्रा के लिए उसे
स्टेशन पर आया तभी उन्होंने पैसे का एक बीज बो दिया. इसलिए सेवा को महत्व दो और
पैसा अपने आप आपके पास आ जाएगा.
एक दूसरे उदहारण के द्वारा डॉक्टर डेविड समझाते हैं कि यह सोचिए कि
कौन सा निर्माता फिल्मों में ज्यादा पैसे कमाता है. फटाफट अमीर बनने वाले निर्माता
एक फिल्म बनाता है. वह पैसे को मनोरंजन से ज्यादा महत्व देता है. वह खराब
स्क्रिप्ट खरीदता है और घटिया लेखकों से इसकी कहानी लिखवाता है. अभिनेताओं, सेट बनाने और रिकॉर्डिंग में भी वह पैसे को पहले नंबर पर रखता है. यह
निर्माता सोचता है कि फिल्म देखने वाली जनता मुर्ख होती है और वह अच्छे बुरे के
फर्क को नहीं समझ पाएगी. अमीर बनने वाला निर्माता शायद ही कभी जल्दी अमीर बन
पाएगा. जनता कभी इतनी मूर्ख नहीं होती की घटिया माल को खरीदे और वह भी ऊंचे दामों
पर. निर्माताओं में सबसे ज्यादा मुनाफा उसे होता है जो मनोरंजन को पैसे के ऊपर रखता है.जो अपने
दर्शकों को मूर्ख बनाने के बजाय वह उन्हें ज्यादा से ज्यादा मनोरंजन देने की कोशिश
करता है. बाद में रिजल्ट यह होता है कि लोग उसके फिल्म को पसंद करते हैं उसकी
तारीफ होती है अखबारों में उसके बढ़िया रिव्यू छपते हैं और बॉक्स ऑफिस पर खूब कमाई
होती है. इसलिए एक बार फिर ध्यान रखें कि पहले सेवा करें और पैसा अपने आप आपके पास
आ जाएगा.
एक अन्य उदहारण के द्वारा डॉक्टर डेविड समझाते हैं कि वह वेटर जो
अपने ग्राहक को सबसे अच्छी सर्विस देने की कोशिश करता है. उसे टिप के बारे में
चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. टीप तो उसे जरूर मिलेगी और अच्छी मिलेगी. परंतु
उसी का साथ का वेटर जो कॉफ़ी के खाली कपो को अनदेखा कर देता है और यह सोचता है कि
मैं इन्हें क्यों भरूं. वैसे भी यह लोग ज्यादा टिप देने वाले तो नहीं दिख रहे हैं.
ऐसे वेटर को ज्यादा टिप कौन देगा.
जो सेक्टरी फैक्ट्री मे अपने बॉस की उम्मीद से बेहतर लेटर टाइप करके
दिखाती है. उसकी भविष्य की सैलरी अच्छी ही होगी. परंतु जो सेक्टरी सोचेगी कि थोड़ी
बहुत गलतियों के बारे में चिंता क्यों करूं. आखिर 15000 रूपए प्रति महीने में
आप मुझसे क्या उम्मीद करते हैं. उसे आगे भी जीवन में 15000 रूपए प्रति महीने ही
मिलते रहेंगे. इसी प्रकार जो सेल्समैन अपने ग्राहक की मन लगाकर सेवा करता है. उसे
अपने ग्राहक के खोने या छीन जाने का कोई डर नहीं होना चाहिए.
यह एक बहुत आसान परंतु बहुत शक्तिशाली नियम है जो आपको बताता है कि
आप किस तरह पहले सेवा का रवैया रखें. लोग आपसे जितनी उम्मीद करते हैं. लोगों को
हमेशा उससे ज्यादा दें. थोड़ा अतिरिक्त देने से आप पैसे का बीज बो देते हैं. देर
तक रुक कर इच्छा से काम करना और डिपार्टमेंट के सामने आई किसी मुश्किल समस्या को
दूर करना भी पैसे का बीज बोना है. ग्राहक को अतिरिक्त सेवा देना भी पैसे का बीज
बोना है. क्योंकि इससे ग्राहक आपके पास बार-बार आता है. कार्य क्षमता को बढ़ाने के
लिए नए विचार बताना भी पैसे का बीज बोना है. पैसे के बीज से पैसे का पेड़ होता है
और पैसे के फल लगते हैं, परंतु पैसे के इस बीज
का नाम है सेवा. इसलिए सेवा को बो दीजिए और पैसे की फसल काटिए.
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