Friday, 4 May 2018

मध्यप्रदेश मे एक ही कमरे में युवक और युवतियों के कपड़े उतरवाकर हुआ मेडिकल टेस्ट

write st sc on constable chest
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हाल ही में मध्य प्रदेश के धार जिले से एक चौका देने वाला मामला सामने आया है. जिसमें आरक्षण के बल पर हुए भर्ती युवक और युवतियों के छाती पर उनकी जाति ST और SC लिख दी गई है.इस प्रकार कैंडिडेट के छाती पर ST और SC लिखना कानून के विरुद्ध है.क्योंकि भारत के संविधान के अंतर्गत सभी नागरिक एक समान है.किसी भी नागरिक से धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव करना गलत है.लेकिन अधिकारियों ने इस बात का हवाला दिया है कि उन्हें चयनित कैंडिडेट में आरक्षण के बल पर हुए कैंडिडेट और जनरल कैटेगरी के आधार पर भर्ती हुए कैंडिडेट में परीक्षण करना मुश्किल होता है.सभी का परीक्षण आसानी से हो सके इसलिए उन्होंने ऐसा किया है.
medical test in one room
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अभी यह मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि भिंड से एक ऐसा मामला सामने आया है जो कि परीक्षण की इस प्रक्रिया को शर्मसार कर देता है.भिंड के एक अस्पताल में पुलिस कांस्टेबल की भर्ती मे चुने गए कैंडिडेट का मेडिकल जांच किया जा रहा था .जिसमें 118 के करीब युवक और युवतियां थी. हैरान कर देने वाली बात यह है, कि उन सभी का मेडिकल परीक्षण एक ही कमरे के अंदर किया गया है. बताया जा रहा है कि जिस दौरान उनका परीक्षण किया गया था. सभी युवक अंडरवियर पहने हुए थे. जब भी कभी इस प्रकार का मेडिकल परीक्षण होता है तब युवक और युवतियों का अलग-अलग कमरों में मेडिकल परीक्षण किया जाता है.इस प्रकार एक ही कमरे मे लड़के और लडकियों का मेडिकल टेस्ट होना प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है.एक ही कमरे के अंदर युवक और युवतियों के मेडिकल परीक्षण का वीडियो जब मीडिया के सामने आया तो अस्पताल के प्रबंधक से पूछताछ की गई. वहां के प्रबंधक डॉ अजीत मिश्रा ने इंडिया टुडे के बयान में कहा कि इस प्रकार की लापरवाही के लिए हम शर्मिंदा है और हमने अस्पताल को नोटिस जारी कर दिया है ताकि ऐसी गलती भविष्य में दोबारा ना हो सके.पहले जाति के आधार पर भेदभाव और फिर एक ही कमरे मे मेडिकल टेस्ट करना जैसी गलतियों के कारण प्रशासन पर उंगलिया उठ रही है.
जनता प्रशासन से जवाब मांग रही है कि क्या ऐसा करना उचित है.आप कमेंट करके अपनी राय जरुर दे.

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