हमारे देश मे बेरोजगारी,महंगाई, देश की
सुरक्षा, कश्मीर मसला,महिला आरक्षण जैसे मुद्दे उठाए जाते हैं. परंतु कभी
इस बात की चर्चा नहीं होती की वेश्यावृत्ति कैसे रोकी जाए. इस बात को जोरदार ढंग
से कभी नहीं उठाया गया है. ऐसा नहीं है कि इसके लिए कानून
नहीं है या फिर पुलिस छापेमारी नहीं करती है. इसके बावजूद यह
देशव्यापी मुद्दा कभी नहीं बना| क्योंकि इसके लिए
किसी के पास समय नही है |
हमें किसी व्यवसायिक $ex worker का वह रूप तो दिखता है जिसमें यह जिस्म बेचकर मोटी रकम वसूल करती है| परंतु पर्दे के पीछे उनकी जिंदगी की कड़वाहट को कोई नहीं देखता.उनकी बेबसी और लाचारी किसी को नही दिखती | हम इंसानों की फिदरत ही ऐसी होती है जो की सब कुछ भूल कर बस सुंदरता की ओर आकर्षित होते है | कोई नहीं देखता कि वह जिंदा लाश जैसी है जो ग्राहकों को देख उससे लिपट जाती है | अपनी सुन्दरता को दुसरो पर न्योछावर करने पर मजबूर होती है, उन्हें अपने जिस्म से खेलने को मजबूर करती है .ताकि उसे अधिक से अधिक रूपए मिल सके| वह ग्राहक दोबारा भी उसके पास आए. इसके लिए वह नए नए नुस्खे अपनाती है|
इस रूप के लिए कभी कोई महिला स्वेछा से
तैयार नहीं होती. इसके लिए उसे तहखाने में बंद कर इस कदर प्रताड़ित किया जाता है
कि वह मरणासन्न स्थिति में पहुंच जाती है कई बार तो कुछ मर भी जाती हैं. ऐसे में
यदि जान बचाने के लिए वह जिस्मफरोशी के धंधे के लिए हामी भरती है तो इसके लिए पूरे
समाज दोषी है|
देश के हजारों सफेदपोश इस कार्य में लिप्त
है| यह कम उम्र की लड़कियों को विभिन्न माध्यमों से खरीदते हैं फिर उन्हें
विभिन्न शहरों में मौजूद जिस्म की मंडी तक पहुंचा देते हैं .यहां उन्हें ग्राहकों
को रिझाने का तरीका सिखाया जाता है| इसी में से कुछ सुंदर लड़कियों को कॉल होटलों
में सप्लाई कर दिया जाता है| इस धंधे
में सुंदर और कम उम्र की लड़कियों की मांग अधिक है. इस बात की जानकारी पुलिस
प्रशासन को बखूबी होती है|
पुलिस को हर महा एक मोटी रकम मिलती है ऐसे में संबंधित इलाके में पुलिस छापेमारी नहीं करती है. यदि इस मंडी से कोई लड़की भागकर किसी नेता के पास पहुंच जाती है इस क्रम में वह अपना दर्द बयान करती है तब यह नेताजी लोगों को इक्कठा कर हंगामा शुरू कर देते हैं. ऐसे हालात में पुलिस को छापेमारी करनी पड़ती है| परंतु इसकी सूचना मंडी के बड़े दलालों तक पुलिस पहले ही पहुंचा देती है| नतीजन छापेमारी में पुलिस को कुछ भी हासिल नहीं होता |पुलिस दिखावे के तौर पर कुछ लोगों को पकड़कर बंद कर देती है जिसे बाद में जमानत पर छोड़ देती है. बाद में पता चलता है कि उक्त नेता जी को भी जिस्म की मंडी से हिसाब चाहिए | नेताजी ने पहले कई दलालों से इसके लिए संपर्क विचार था | कामयाबी नहीं मिलने पर उन्होंने हाथ आई लड़की के सहारे हो हल्ला कर फिर से उल्लू साधने की कोशिश की | अफसोस इस बार भी हिस्सेदारी नहीं मिली ,उधर चंद दिनों बाद फिर मंडी का व्यवसाय फलने-फूलने लगता है | आजकल यह सिलसिला आम बात हो गयी है |
पुलिस को हर महा एक मोटी रकम मिलती है ऐसे में संबंधित इलाके में पुलिस छापेमारी नहीं करती है. यदि इस मंडी से कोई लड़की भागकर किसी नेता के पास पहुंच जाती है इस क्रम में वह अपना दर्द बयान करती है तब यह नेताजी लोगों को इक्कठा कर हंगामा शुरू कर देते हैं. ऐसे हालात में पुलिस को छापेमारी करनी पड़ती है| परंतु इसकी सूचना मंडी के बड़े दलालों तक पुलिस पहले ही पहुंचा देती है| नतीजन छापेमारी में पुलिस को कुछ भी हासिल नहीं होता |पुलिस दिखावे के तौर पर कुछ लोगों को पकड़कर बंद कर देती है जिसे बाद में जमानत पर छोड़ देती है. बाद में पता चलता है कि उक्त नेता जी को भी जिस्म की मंडी से हिसाब चाहिए | नेताजी ने पहले कई दलालों से इसके लिए संपर्क विचार था | कामयाबी नहीं मिलने पर उन्होंने हाथ आई लड़की के सहारे हो हल्ला कर फिर से उल्लू साधने की कोशिश की | अफसोस इस बार भी हिस्सेदारी नहीं मिली ,उधर चंद दिनों बाद फिर मंडी का व्यवसाय फलने-फूलने लगता है | आजकल यह सिलसिला आम बात हो गयी है |
देश के हर राज्य में दर्जनों स्वयंसेवी
संस्था वैश्या टोली की महिलाओं को रोजगार देने की योजना पर काम कर रही है. इसके
बावजूद आंकड़े बताते हैं कि जिस्मफरोशी का धंधा बढ़ता ही जा रहा है| क्योंकि कुछ भ्रस्ट लोग ने इस व्यापर को हवा दी हुई है |
रेड लाइट एरिया वर्कर की आपबीती
देह व्यापार से मुक्त कराई गयी महिलाओं
से बातचीत की. जिसमे महिलाओं ने अपने ऊपर हुए जुलुम की दुख भरी दास्ता सुनाई | जिसे सुनकर कलेजा कांप गया और
आँखों से आंसू भी निकल पड़े | उनके साथ जानवरों से भी बुरा बर्ताव किया जाता है. उनके
मुताबिक नशे का इंजेक्शन देकर और जबरन देह व्यापार करवाया जाता है.
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