Tuesday, 29 August 2017

डेरा समर्थको की हिंसा मे 30 लोगो की मौत हुई और 300 से ज्यादा घायल

साध्वी यौन शोषण मामले में पंचकूला सीबीआई कोर्ट द्वारा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद उनके समर्थक बेकाबू होने लगे हैं. डेरा मुखी के खिलाफ फैसला आते ही पंचकूला में हालात बेकाबू हो गए.हजारों की संख्या में डेरा समर्थकों ने पुलिस और आर्मी पर पत्थरबाजी शुरू कर दी.हालात ऐसे हो गए कि लोगों को जान बचाने के लिए सरकारी बिल्डिंग में शरण लेनी पड़ी. पंचकूला के कई अधिकारियों  ने भी भाग कर जान बचाई. सरकारी बिल्डिंग में करीब 2 घंटे तक 50 से अधिक लोग फंसे रहे.

पंचकूला में समर्थकों ने कई हवाई फायर किए. यही नहीं उन्होंने मीडिया कर्मियों पर भी हमला किया. सरकारी इमारतो  में भी तोड़फोड़ की गई. डेरा प्रेमियों ने 1000 से अधिक वाहनों को आग लगा दी है. पंचकूला का आयकर दफ्तर भारतीय जीवन बीमा निगम का दफ्तर को भी प्रेमियों ने आग के हवाले कर दिया. पुलिस ने बचाव के लिए आंसू गैस छोड़ी. पंचकूला में डेरा प्रेमियों और सुरक्षाबलों के बीच टकराव में रात 10 बजे तक 30 लोगों की जान जा चुकी थी.आनंदपुर रेलवे स्टेशन पर डेरा समर्थको के गुंडों ने 2 रेलगाडियों को आग के हवाले कर दिया .पंचकूला मे तो टकराव चल ही रहा था.लेकिन अब डेरा समर्थक हरियाणा और पंजाब के कई शहरों में भी हिंसा पर उतारू हो गए.

सिरसा में वीटा मिल्क प्लांट में आग लगाने के बाद में टकराव में तीन लोगों की पुलिस की गोली से मौत हो गई. टोहाना नगर परिषद कार्यालय में पेट्रोल बम फेंका गया. रेलवे स्टेशन पर लगी एटीएम मशीन को आग लगा दी गई. कैथल में बिजली निगम के कार्यालय और रेलवे स्टेशन के नियंत्रण कक्ष जला दिया. लोहारू में बिजली घर में आग लगा दी गई. पंचकूला में गोलीबारी में करीब 350 लोग घायल हो गए हैं. इनमें से 10 की हालत गंभीर बताई जा रही है.घायलों में लगभग 52 महिलाएं हैं. डेरा समर्थकों ने सबसे पहले सीबीआई कोर्ट के आसपास कर्मचारियों को निशाना बनाया. हालत बिगड़ने शुरू होते देख सीआरपीएफ ने आंसू गैस के गोले दागने शुरू कर दिए. इसके बाद भीड़ उभर हो गई और सीआरपीएफ के जवानों पर टूट पड़ी. सेक्टर 3,4,5 में जमा डेरा समर्थकों के आगे जो जो भी आता उसे पकड़कर वह पीट रहे थे. सशस्त्र सेना बल सीआईएफ ने पुलिस के साथ संयुक्त तौर पर अभियान छेड़ा तब जाकर समर्थकों की भीड़ तितर-बितर हुई.पंचकूला से लगे हुए पंजाब के शहरों जीरकपुर और मोहाली के भी कुछ हिस्सों में ऐसी घटनाएं हुई हैं.खरड़ में भी ऐसे ही हालात देर शाम तक बने हुए हैं.चंडीगढ़ में भी हालात खौफजदा हैं.

आम जनता से मीडिया यह सवाल पूछना चाहती है कि क्या इस प्रकार की हिंसा सही है.अगर ऐसी हिंसा होगी तो कानुन की क्या एहमियत रहेगी.
हर कोई अगर ऐसे सड़क पर आकर हिंसा करेगा तो इन्साफ कैसे होगा.आप सभी कमेंट मे अपनी राय जरुर दे.


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